चमकी से लड़ने के लिए बिहार सरकार ने निकाली डॉक्टरों की बहाली, 1039 पदों पर होगी भर्ती

चमकी से लड़ने के लिए बिहार सरकार ने निकाली डॉक्टरों की बहाली, 1039 पदों पर होगी भर्ती

PATNA : कोरोना संकट की महामारी के बीच चमकी बुखार को लेकर भी नीतीश सरकार ने कमर कसनी शुरू कर दी है. सरकार की ओर से मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच में 1039 पदों पर भर्ती की मंजूरी दी गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संदिग्धों की पहचान के लिए पल्स पोलियाे अभियान की तर्ज पर घर-घर जाकर की जा रही स्क्रीनिंग के दौरान एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के संबंध में भी जानकारी जुटाने का निर्देश अधिकारियों को दिए थे.


नीतीश कैबिनेट की बैठक में बुधवार को डॉक्टरों की बहाली का निर्णय लिया गया है. सरकार की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है कि श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 100 शैय्या के एमसीएच भवन, 100 शय्या के पीकू (PICU) भवन, 10 शय्या के ट्रामा सेंटर और 442 शय्या के अस्पताल के लिए विभिन्न श्रेणियों के लिए 1039 पदों पर बहाली की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अतिरिक्त चिकित्सक शिक्षक, डॉक्टर, टेक्नीशियन और नॉन-टेक्निकल कर्मियों के 1039 पदों की स्वीकृति मिली है.


बता दें कि इससे पहले मंगलवार को नेक संवाद में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग और चमकी बुखार के प्रभावित इलाकों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में एईएस और जेई की रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि कोराना संक्रमण को लेकर घर-घर जाकर चलाये जा रहे सर्वेक्षण कार्य में एईएस एवं जेई के संबंध में भी जानकारी ली जाये. इसके साथ ही सीएम नितीश ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन को यह निर्देश दिया कि AES प्रभावित मुजफ्फरपुर के 5 प्रखंडों में मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को 200 ग्राम दूध का पाउडर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. बच्चों को अतिरिक्त पोषण के लिए पोषक आहार उपलब्ध कराया जाये. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के पांच प्रखडों में किराये के मकान में चल रहे 303 आंगनबाड़ी केन्द्र के लिये जल्द से जल्द भवन निर्माण कार्य शुरू कराया जाये.


सीएम नीतीश ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जेई का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाये. वाहनों की गाॅव वार टैगिंग करें और अस्पताल पहुॅचने पर उनके तत्काल भुगतान की व्यवस्था की जाय ताकि एईएस एवं जेई पीड़ित मरीजों को ससमय अस्पताल पहुंचाने में कठिनाई न हो. उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर एईएस एवं जेई की रोकथाम के लिये काम करें.


मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा एवं आंगनबाड़ी कर्मी घर-घर जाकर लोगों को यह जरूर बतायें कि एईएस के लक्षण दिखने पर बच्चों को तुरंत अस्पताल ले जाएं. बीमारी के संबंध में लोगों को जागरूक करना नितान्त आवश्यक है.  आशा और आंगनबाड़ी कर्मी बच्चों के माता-पिता को बतायें कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाना है. उन्होंने कहा कि एएनएम, आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदीयां, स्थानीय जनप्रतिनिधि, आंगनबाड़ी सेविका आपस में टीम बनाकर घर-घर जाकर अभिभावकों को इस बीमारी के संबंध में जानकारी दें और उन्हें सचेत करें.