RANCHI: कांग्रेस से निलंबित झारखंड के तीनों विधायक शनिवार को जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर निकले। जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी ने बाहर आने के बाद मीडिया से बात करते हुए झारखंड सरकार पर जमकर भड़ास निकाला। इरफान अंसारी ने कहा कि हमारे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र हुआ है और हमें फंसाया गया है। कोर्ट ने हमारी बेगुनाही को मानते हुए हमें जमानत दी है।
साड़ी और फुटबॉल खरीदने बंगाल गए थे विधायक !
इरफान ने अपने दो अन्य साथी विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप का पक्ष लेते हुए कहा कि हम तीनों के पास जो जो कैश मिला था वो हम तीनों का निजी पैसा था जिससे हम साड़ी और फुटबॉल खरीदने बंगाल आये थे, साड़ी और फुटबॉल हम आदिवासी दिवस पर आम आदमी को देते। मेरे पास 16 लाख था और विक्सल के पास 19 लाख था, हम तीनों का पैसा जोड़ दिया जाए तो करीब 49 लाख रूपया था जिसे हम अपना पैसा साबित कर देंगे। हम तीनों से गलती बस यही हुई कि हमलोगों ने सभी पैसा को एक जगह कर दिया।
राजनीतिक लाभ के लिए रचा गया षड्यंत्र
इरफान ने आगे कहा कि मै कांग्रेस का वफादार सिपाही हूं, कांग्रेस मेरे रग रग में है, जिस प्रकार राजनीतिक लाभ लेने के लिए हमें फंसा दिया गया वो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। मै ममता दीदी का बहुत सम्मान करता हूं, उनसे मै कहना चाहता हूं कि जिस तरह से राजनीतिक रंग देकर हमें फंसाया गया वो सही नहीं है।
इरफान ने आगे कहा कि मेरा बीजेपी से कोई लिंक नहीं है , मै एक अल्पसंख्यक हूं , हज कमिटी का चैयरमैन हूं, दो बार का विधायक हूं मेरे पिता विधायक और सांसद और मंत्री रह चुके है, हम बीजेपी क्यों जाएंगे। अपने साथी विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप का स्टेंड रखते हुए इरफान ने आगे कहा कि विक्सल कोंगाड़ी क्रि ईसाई समाज का पादरी है, राजेश कच्छप आदिवासी समाज का नेता है, जिस तरह से हमें फंसाया गया है हम आलाकमान को जवाब देंगे।
तीनों विधायक सरकार के लिए जरूरी
31 जुलाई को बंगाल पुलिस ने झारखंड कांग्रेस के तीनों विधायकों को 49 लाख रूपये कैश के साथ पकड़ा था। इनकी गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजनीति में हलचल मच गया था। कांग्रेस के विधायक अनूप सिंह ने रांची के अरगोड़ा थाने में सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए तीनों विधायको के ख्लिफ शिकायत दर्ज कराई थी। विधायकों की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस पार्टी ने आनन फानन में तीनों विधायकों को निलंबित करते हुए अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था। हालांकि शुक्रवार को ही झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर का मीडिया में बयान आया कि वो तीनों विधायक कांग्रेस के ही है।
दरअसल शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवास पर सत्तापक्ष के सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी जिसमें कांग्रेस और जेएमएम के 5 विधायक उपस्थित नहीं हुए थे। माना ये जा रहा है कि माइनिंग लीज मामले में सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के आने वाले फैसले के हर पहलू को लेकर इस बैठक में चर्चा हुई और आगे की रणनीति बनाई गई। सरकार पर किसी भी तरह का संकट नहीं हो इसलिए विधायकों की पर्याप्त संख्या जरूरी है। हालांकि कोर्ट ने अभी इन तीनों विधायकों को तीन महीने तक बंगाल के बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया है। इरफान अंसारी के बयान के बाद अब सत्तापक्ष में तीनों विधायकों को उनके पक्ष में होने को लेकर संशय की स्थिति हो गई है।