PATNA : उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत तमाम राज्य अपने-अपने नागरिकों को देश के अन्य हिस्सों से वापस ला रहे हैं, लेकिन बिहार सरकार ने इस मामले में अब तक अपना पुराना रुख बरकरार रखा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक कह रखा है कि लॉक डाउन के दौरान किसी भी हालत में बाहर फंसे बिहारी मजदूरों या फिर छात्रों को वापस नहीं लाया जायेगा. नीतीश कुमार ने अपने इस फैसले के पीछे केंद्र सरकार की तरफ से लॉक डाउन को लेकर दी गई गाइडलाइन का हवाला दिया था, लेकिन अब बिहार सरकार की चौतरफा किरकिरी होने के बाद प्रदेश बीजेपी नेतृत्व ने इस मामले में कदम आगे बढ़ा दिया है.
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने राज्य के बाहर से बिहारियों की घर वापसी के लिए केंद्र सरकार के सामने गुहार लगाई है. डॉ संजय जायसवाल ने इस मामले को लेकर आज श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की है. इस बातचीत के दौरान राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल भी मौजूद थे. डॉक्टर संजय जयसवाल ने केंद्र सरकार से यह मांग की है कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार में भी बाहर फंसे लोगों की घर वापसी कराई जाये.
डॉक्टर संजय जयसवाल ने इस मामले में बिहार सरकार के बीजेपी कोटे के मंत्रियों और बिहार से आने वाले बीजेपी के तमाम सांसदों से भी बातचीत की थी. सांसदों का भी यह मानना था कि बाहर फंसे बिहारियों को किसी न किसी तरीके वापस लाना चाहिए. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश समेत तमाम राज्य अपने लोगों को वापस ला रहे हैं. ऐसे में अगर बिहार सरकार अपने राज्य के लोगों को वापस नहीं लाती है तो इसका खामियाजा भी आगे भुगतना पड़ेगा.
कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने आज देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी. नीतीश कुमार के ऑफिस से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया था कि मुख्यमंत्री ने उसमें कोटा में फंसे बिहार के बच्चों पर चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि मौजूदा हालात में कोटा समेत देश के दूसरे हिस्सों में फंसे बिहार के लोगों को वापस लाना संभव नहीं है. बिहार सरकार उन्हें वापस नहीं ला सकती है.
दरअसल नीतीश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार ने दिशा निर्देश जारी किये हैं. वे उन निर्देशों का पालन कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने जो दिशा निर्देश दिये हैं उसमें एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की मनाही है.केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के आदेश के कारण ही वे बिहार के बच्चों को वापस नहीं बुला रहे हैं. केंद्र सरकार जब अपना आदेश वापस लेगी तो बिहार सरकार अपने राज्य के लोगों को वापस बुलाने पर विचार करेगी.
दरअसल कोटा से बच्चों को वापस लाने को लेकर बिहार सरकार पर लगातार दबाव बढता जा रहा है. कोटा में फंसे बच्चों का वीडियो हर रोज वायरल हो रहा है. वे किस हालत में जी रहे हैं और क्या क्या परेशानियां उन्हें झेलनी पड़ रही है. लिहाजा हर रोज नीतीश सरकार की फजीहत हो रही है. नीतीश को सबसे ज्यादा परेशानी बीजेपी शासित राज्यों के फैसले से हो रही है. बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से लेकर असम ने कोटा में फंसे अपने बच्चों को वापस बुला लिया है. गैर बीजेपी शासित राज्य भी अपने बच्चों को वापस बुला रहे हैं.
सत्ता के गलियारे में हो रही चर्चाओं के मुताबिक नीतीश कुमार इस मामले में दोष बीजेपी के मत्थे मढ़ना चाहते हैं. लिहाजा वे बार-बार ये कहने में लगे हैं कि केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के कारण ही वे बिहार के बच्चों को वापस नहीं ला रहे हैं. केंद्र सरकार यानि नरेंद्र मोदी सरकार. नीतीश लोगों के बीच ये मैसेज देना चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने उन्हें बिहारियों को वापस लाने से रोक रखा है.