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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 23 Feb 2023 08:30:06 PM IST
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RANCHI: काली कमाई के धनकुबेर इंजीनियर वीरेंद्र राम ने ईडी की पूछताछ के सामने टूट गया है. ईडी सूत्रों के हवाले से ये बड़ी खबर सामने आ रही है. वीरेंद्र राम ने ये कबूल कर लिया है कि ग्रामीण सड़कों से हो रही काली कमाई का बड़ा हिस्सा कहां जा रहा था. ईडी सूत्र बता रहे हैं कि वीरेंद्र राम ने बताया कि झारखंड में ग्रामीण सड़कों के निर्माण में हजारों करोड़ रूपये का घालमेल हुआ. उसमें मोटा पैसा तो कहीं और जा रहा था, वीरेंद्र राम तो सिर्फ अपना छोटा शेयर रख ले रहा था. वीरेंद्र राम को सत्ता के संरक्षण के कई सबूत ईडी को मिल चुके हैं।
संकट में हैं मंत्री जी
ईडी सूत्रों के मुताबिक वीरेंद्र राम से शुरूआती पूछताछ में ही एक मंत्री की संलिप्तता सामने आती दिख रही है. वीरेंद्र राम ने बताया कि असली खेल तो वहां से ऑपरेट हो रहा था, वह तो आदेश का पालन करता था. वीरेंद्र राम ने बताया कि बड़े ठेकेदार तो डायरेक्ट उपर ही संपर्क साधते थे, जिसे मेरे पास भेज दिया जाता था. वैसे ये मामला मंत्री का है इसलिए ईडी पूरी तसल्ली के बाद ही कदम आगे बढ़ायेगी. वीरेंद्र राम से अभी और पूछताछ की जायेगी. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. वैसे, ईडी सूत्रों ने स्वीकार किया कि वीरेंद्र राम ने शुरूआती पूछताछ में ही अहम जानकारियां दी है।
कई बार रोया वीरेंद्र राम
ईडी के एक अधिकारी ने 21 और 22 फरवरी को छापेमारी के दौरान ही वीरेंद्र राम से पूछताछ की गयी. शुरू में तो उसने कड़े तेवर दिखाये लेकिन जब उसकी काली कमाई के दस्तावेजों को सामने रखा गया तो वह टूट गया. फिर वह पूछताछ के दौरान कई बार रोया. वह बार-बार ये कहता रहा कि वह तो छोटा किरदार है, आका कोई और है. उसने पूरे विस्तार से बताया कि काली कमाई में हिस्से का फार्मूला क्या था।
पांच दिनों में ईडी उगलवायेगी सारे राज
बता दें कि ईडी ने आज वीरेंद्र राम को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए दस दिनों की रिमांड मांगी थी. कोर्ट ने वीरेंद्र राम को पांच दिनों की रिमांड पर रखने की मंजूरी दे दी है. ईडी सूत्रों के मुताबिक इन पांच दिनों में बडे रैकेट का पर्दाफाश होने की संभावना है. ईडी वीरेंद्र राम द्वारा अब तक दिये गये बयान की सत्यापन करेगी और काली कमाई के पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने की कोशिश करेगी. ईडी के अधिकारी ये मान रहे हैं कि इस मामले में कम से कम दो राजनेताओं की भी संलिप्तता है. हालांकि उसे पूरी तरह से सत्यापित करने के बाद ही कार्रवाई की जायेगी।
सत्ता का संरक्षण
ईडी सूत्रों ने बताया कि वीरेद्र राम का मामला उपर तक जुड़ा हुआ है. जल संसाधन विभाग के इंजीनियर को ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता बना कर रखा गया था जबकि उसके पास सड़क निर्माण का कोई अनुभव नहीं था. अधीक्षण अभियंता स्तर का इंजीनियर होने के बाद भी उसे मुख्य अभियंता बना कर रखा गया था. झारखंड पुलिस की एसीबी ने 2019 में ही वीरेंद्र राम के अधीन काम करने वाले एक जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा को घूस लेते पकडा था. सुरेश कुमार वर्मा जमशेदपुर में वीरेंद्र राम के घर पर रहता था. एसीबी ने जब उस घर को सर्च किया तो वहां से 2 करोड़ 44 लाख रूपये बरामद हुए. घूस लेते पकड़े गये इंजीनियर और उनकी पत्नी ने एसीबी को बताया था कि वह पैसा वीरेंद्र राम का है. एसीबी ने उसी समय आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर वीरेंद्र राम के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुशंसा राज्य सरकार को भेजी थी. राज्य सरकार ने वीरेंद्र राम के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत ही नहीं दी थी।
पत्नी को विधायक बनवाना चाहता था
ईडी को ये भी खबर मिली है कि वीरेंद्र राम अपनी पत्नी राजकुमारी देवी को विधायक बनाना चाहता था. पिछले विधानसभा चुनाव में उसने अपनी पत्नी को टिकट दिलाने के लिए सारे दांव पेंच लगा दिया था. वह टिकट के लिए मुंहमांगी रकम देने को भी तैयार था. लेकिन जिस पार्टी में अपना जुगाड़ सेट कर रहा था उसने टिकट नहीं दिया. लिहाजा पत्नी को विधायक बनाने की सारी तैयारी बेकार चली गयी।
बता दें कि ईडी ने झारखंड में भ्रष्टाचार के मामले में किसी इंजीनियर के खिलाफ की जानेवाली यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के दौरान 50 लाख रुपये नगद और 1.50 करोड़ रुपये के जेवरात ज़ब्त किये गये. इसके अलावा उसके करीब 125 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का पता चला है.
रांची से कुन्दन कुमार की रिपोर्ट