KOTA : राजस्थान के कोटा में पढ़ाई कर रहे बिहारी बच्चों के सब्र का बांध अब टूट गया है। एक तरफ जहां दूसरे राज्यों के बच्चे अपने घर वापस लौट चुके हैं वहीं बिहारी छात्रों की घर वापसी का रास्ता अब तक तय नहीं हो पाया है। बिहार सरकार ने कोटा में फंसे अपने ही राज्य के बच्चों को वापस लाने से मना कर दिया है जिसके बाद बीती रात कोटा की सड़कों पर बिहार के बच्चे रात भर बैठ नजर आए।
देर शाम से ही कोटा के कई इलाकों में बिहार के बच्चे सड़कों पर बैठ गए थे। उन्होंने सड़क पर बैठकर अपने दर्द का इजहार किया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया और लगातार यह मांग करते रहे कि बिहार सरकार उन्हें घर वापस बुलाने का फैसला करे। बच्चों के इस विरोध की जानकारी मिलने के बाद कोटा प्रशासन भी उनके बीच पहुंच गया। लगातार बच्चों से यह अपील की जाती रही कि सड़क से हटकर वह अपने हॉस्टल में चले जाएं लेकिन बच्चे वहीं डटे रहे।
कोटा में फंसे बिहारी बच्चों का कहना है कि अगर दूसरे राज्यों की तरह बिहार सरकार उनकी सुध नहीं लेती है तो अब उनके पास आखिरी विकल्प अपना जीवन छोड़ने का होगा। कोटा में फंसे बिहारी बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। आपको बता दें कि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी उस दौरान भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे बच्चों को लेकर गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी थी। बिहार सरकार कई बार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह लोग डाउन पीरियड में बाहर से लोगों को राज्य में नहीं आने देना चाहती।