PATNA : बिहार विधानमंडल मानसून सत्र का प्रारंभ सोमवार यानि आज से होगा। शुक्रवार तक चलने वाले इस सत्र में पांच महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस बैठक में सरकार अपनी उपलब्धियों को बताएगी तो वहीं विपक्ष सरकार की कमियों को जनता के सामने उजागर करेगी। इस लिहाजा यह मानसून सत्र काफी हंगामेदार होने के आसार जताए जा रहे हैं।
दरअसल बिहार की राजनीति में इन दिनों मंत्री और सचिव विवाद के अलावा शिक्षक नियुक्ति और डोमिसाइल नीति को भी लेकर काफी बवाल मचा हुआ है ऐसे में अब आज जब मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू किया जायेगा तो राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा इसको लेकर सवाल करते हुए नजर आएगी। भाजपा ने यह भी ऐलान कर रखा है कि वह 13 जुलाई को गांधी मैदान से पैदल विधानसभा मार्च करेंगे। ऐसे में इस सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार जताए जा रहे हैं।
वहीं, इस सत्र को लेकर बीजेपी का पहले से ही कहना है कि मानसून सत्र छोटा होने के कारण विपक्ष सरकार की नाकामियों के बारे में जनता को सही ढंग से कुछ मालूम नहीं हो पाएगा। सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए जानबूझकर सत्र छोटा रखा है। यह सरकार राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत नहीं करना चाहती है।
मालूम हो कि, राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा इस मानसून सत्र में शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव को लेकर सरकार के खिलाफ सवाल करेगी तो हंगामा होना तय माना जा रहा है। वहीं, बीजेपी शिक्षकों और अभ्यर्थियों के समर्थन में 13 जुलाई को विधानसभा तक मार्च करेगी। इससे पहले आज भी विधानसभा का घेराव करेगी। इसके अलावा शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और ACS केके पाठक के बीच चल रहे विवाद का मुद्दा भी विधानसभा में गूंजेगा।
इसके साथ ही लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दायर की है, जिसमें तेजस्वी का नाम आरोपी के तौर पर है। बीजेपी सदन में तेजस्वी के इस्तीफे की मांग करेगी। इसके अलावा भागलपुर-खगड़िया अगवानी पुल के ढहने के मामले में कार्रवाई को लेकर भी सदन में हंगामा मचना तय माना जा रहा है।
इधर, विभानसभा अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी ने कहा कि मानसून सत्र छोटा किंतु महत्वपूर्ण है और माननीय सदस्यों के अधिकतम सवाल लिये जाएंगे तथा उनपर सरकार का जवाब होगा। मानसून सत्र की रणनीति बनाने को लेकर राजनीतिक दलों ने सोमवार को ही विधानमंडल दल की बैठक रखी है।