PATNA : बिहार में 15 मार्च को हुई बीपीएससी शिक्षक भर्ती की परीक्षा रद्द कर दी गई है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण (TRE-3.0) की परीक्षा 15 मार्च, 2024 को 02 (दो) पालियों में आयोजित की गई थी। इस दौरान यह सूचना मिली थी की इस परीक्षा का सवाल पहले ही आउट हो गया था, जिसके बाद इस मामले में जांच की जा रही थी। ऐसे में इस जांच के बीच आयोग ने यह इस परीक्षा को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही आयोग ने कहा है कि जल्द ही नए तारीखों का एलान किया जाएगा।
दरअसल, इस मामले को लेकर लगातार बिहार पुलिस नए-नए खुलासे कर रही थी और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था, जिसके बाद आयोग द्वारा अंततः परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में बीपीएससी की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें 15 मार्च को आयोजित दोनों पालियों की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है।
मालूम हो कि, बीते शुक्रवार (15 मार्च) को दो पालियों में परीक्षा हुई थी।परीक्षा में शामिल होने बिहार आ रहे करीब 250 से 300 परीक्षार्थियों को हजारीबाग में शुक्रवार की सुबह हिरासत में लिया गया था। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। तीसरे चरण की शिक्षक बहाली का प्रश्न-पत्र कोलकाता स्थित प्रिंटिंग प्रेस से ही लीक हुआ। इस मामले में गिरफ्तार मास्टरमाइंड विशाल कुमार चौरसिया ने प्रिंटिंग प्रेस के कुछ कर्मियों की मदद से अपने अन्य साथियों अजय पासवान, सुचिन्द्र पासवान, विनोद कुमार कुशवाहा और पवन कुमार राजपूत के साथ मिलकर पेपर आउट करवाया था। पेपर की प्रिंटिंग पूरी होने से पहले ही पेन ड्राइव में इसे लाया गया था और बाहर लाकर इसे प्रिंट किया गया। इस वजह से इसमें सुरक्षा कोड या बार कोड नहीं है।
वहीं, इस बात का खुलासा विशाल कुमार चौरसिया ने खुद एसआईटी से पूछताछ में किया है। फिलहाल उससे इस बात की गहन तफ्तीश चल रही है कि आखिर उसे प्रिंटिंग प्रेस और यहां काम करने वाले संबंधित कर्मी से संपर्क करने का सुझाव किसने दिया। क्या यह जानकारी उसे बीपीएससी से मिली थी? ईओयू की पूछताछ में विशाल से यह भी पता चला कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस दारोगा भर्ती और बालासोर (ओडिशा) में जूनियर इंजीनियर परीक्षा का भी प्रश्न-पत्र लीक किया था।
बताया जा रहा है कि, वह दिल्ली और बालासोर जेल में भी रह चुका है। सेटिंग के दौरान ही उसकी पहचान जौनपुर (यूपी) के अजीत चौहान से हुई। बालासोर जेल में कोलकाता के बीरेंद्र सिंह, पार्थो सेन गुप्ता, कौशिक समेत अन्य से उसकी पहचान हुई, जिन्होंने इस बार कोलकता प्रेस से पेपर लीक करने में मदद की। इनका साथी सुचिंद्र पासवान फुलवारीशरीफ में ऑनलाइन परीक्षा सेंटर चलाता था। इस केंद्र में विशाल का ही पूरा पैसा लगा हुआ है।