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1st Bihar Published by: Updated Tue, 28 Apr 2020 11:51:21 AM IST
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PATNA : बिहार सरकार के मुखिया बार-बार कह रहे हैं कि बाहर फंसे लोगों को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लाएंगे। इससे सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का कोई मायने नहीं रह जाएगा। वे कहते हैं कि बाहर से आने वालों से ही बिहार में कोरोना फैल रहा है। बावजूद इसके लेकिन देश के कई हिस्सों से मजदूर पैदल ही बिहार पहुंच रहे हैं। लेकिन यहां भी सरकार की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा रही है। बिहार पहुंचे मजदूरों को सुध लेने वाला कोई नहीं है। नियमों के मुताबिक बिहार में घुसने वाले मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन करना चाहिए लेकिन लापरवाही साफ तौर पर दिख रही है।
पटना के NH 30 पर बिहार के बाहर से पहुंचे मजदूर आसानी से दरभंगा के लिए निकल गये। मध्य प्रदेश के मुरैना से सभी मजदूर 11 दिन पहले पैदल निकले थे। वहीं NH 30 पर बक्सर से आ रहे लोगों की भीड़ भी दिखाई पड़ी। बक्सर से आधे दर्जन लोग तीन दिन से पैदल चलते हुए पटना पहुचे, ये मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुए। ये सभी मजदूर आसानी से बिहार में इंट्री पा गए । मजदूरों ने बताया कि इस दौरान कहीं भी उनकी जांच नहीं की गयी।
वहीं बिहार पहुंचे मजदूरों ने सरकार के उन दावों की भी हवा निकाल दी जिसमें सरकार दावा कर रही है कि बाहर फंसे लोगो के अकाउंट में एक-एक हजार रुपये और खाने को राशन भी मुहैया कराया जा रहा है। लेकिन सभी मजदूरों ने कहा कि उन्हें एक भी पैसा नहीं मिला न हीं कोई मदद ही मिली ।