PATNA : बिहार के सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे संविदाकर्मियों को बड़ी राहत मिली है. सरकार ने उन्हें मार्च और अप्रैल का पूरा वेतन देने का फैसला ले लिया है. इसके लिए हाजिरी के रजिस्टर को नहीं देखा जायेगा.
नीतीश कैबिनेट ने लिया फैसला
नीतीश कुमार की कैबिनेट की आज हो रही बैठक में ये फैसला लिया गया है. सरकार ने ये तय किया है कि 5 लाख से ज्यादा संविदाकर्मियों को मार्च और अप्रैल महीने का पूरा वेतन दिया जाये. गौरतलब है कि मार्च में लॉकडाउन के एलान से पहले से ही बिहार सरकार ने सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की आवाजाही पर बंदिशें लगायी थीं. सरकार ने सारे दफ्तरों में आने वाले सभी कर्मचारियों को एक साथ आने पर रोक लगा दी थी. उन्हें बारी-बारी से दफ्तर में बुलाया जा रहा था.
वहीं लॉकडाउन के एलान के बाद कई सरकारी दफ्तर बंद कर दिये गये थे. वहीं सरकारी दफ्तरों में ट्रेन-बस से आने वाले कर्मचारियों को दफ्तर आने से मना कर दिया गया था. ऐसे में ज्यादातर संविदाकर्मी दफ्तर आकर हाजिरी नहीं बना पाये.
सरकार ने तय किया है कि सूबे के तमाम संविदा कर्मचारियों को अप्रैल-मार्च का पूरा वेतन दिया जायेगा. उनकी हाजिरी चेक नहीं की जायेगी. वैसे भी केंद्र सरकार पहले ही कोरोना काल में दफ्तर नहीं आने वाले कर्मचारियों का वेतन नहीं काटने का एलान कर चुकी है. प्रधानमंत्री निजी संस्थानों से भी अपील कर चुके हैं कि वे कोरोना के दौर में अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं रोके और उन्हें पूरा भुगतान करें.