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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 23 Feb 2023 09:18:27 AM IST
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PATNA: बिहार सरकार के द्वारा मजदूरों का जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि ज्यादातर जॉब कार्ड फर्जी या दोहरे थे. वही कुछ मजदुर राज्य से लंबे समय से बाहर हैं और पिछले तीन सालों में मनरेगा के तहत एक दिन भी काम नहीं किया है उनका भी जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया है. बता दें राज्य में 39 लाख 36 हजार मनरेगा मजदूरों का जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया है.
बता दें यह खुलासा मनरेगा के तहत बने जॉब कार्ड को आधार से लिंक करने के दौरान हुआ. जहां सबसे अधिक छह जिलों के जॉब कार्ड को रद्द किया गया है. जिसमें राजधानी पटना, वैशाली, समस्तीपुर, भागलपुर, भोजपुर और दरभंगा शामिल हैं. पता चला है कि कई मजदूरों ने इंदिरा आवास योजना या प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जॉब कार्ड तो बना लिया था लेकिन उस कार्ड के आधार पर बीते तीन सालों में एक दिन भी मजदूरी नहीं की है.
आपको बता दें राज्य में 88 लाख 31 हजार जॉब कार्ड आधार से जोड़े गए मनरेगा मजदूरों की संख्या दो करोड़ 35 लाख थी. इसमें केवल 91 लाख 79 हजार मजदूर ही एक्टिव मिले. वही सूबे के कुल मनरेगा मजदूरों में 39 लाख 36 हजार ऐसे पाए गए जिनका जॉब कार्ड फर्जी, दोहरा या अन्य कारणों से योग्य नहीं था. इसके बाद इन्हें रद्द कर दिया गया. शेष जॉब कार्ड का सत्यापन चल रहा है. अभी और भी जॉब कार्ड रद्द होने की संभावना है.
नये प्रावधान के अनुसार ऐसे मजदूरों को ही मनरेगा के तहत किए गए कार्य का भुगतान होना है जिनका जॉब कार्ड आधार से लिंक है। सभी सक्रिय मजदूरों के कार्ड को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता कर दी गई है, इसीलिए प्रदेश में अभियान के तौर पर यह काम किया जा रहा है.