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बिहार सरकार मजदूरों को रोजगार देने के लिए तत्पर, तेजस्वी केवल सोशल मीडिया पर बांट रहे ज्ञान

1st Bihar Published by: Updated Fri, 05 Jun 2020 02:59:12 PM IST

बिहार सरकार मजदूरों को रोजगार देने के लिए तत्पर, तेजस्वी केवल सोशल मीडिया पर बांट रहे ज्ञान

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PATNA : लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार लौट रहे तमाम मजदूरों को  रोजगार उपलब्ध करवाने की कोशिश में लगातार जुटे हैं, किसी भी कीमत पर उन्हें बेरोजगार नहीं छोड़ा जाएगा।उन्होनें कहा कि विपक्ष सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में सिमट कर रह गया है। जनसरोकार से इसका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं और हो भी कैसे आखिर इनके माता पिता के कार्यकाल में ही तो बिहार के विनाश की पटकथा लिखी गई थी।उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव क्वरंटाइन सेंटर का बिना दौरा किए खाली फेसबुक पर चिल्लपों करते रहते हैं, कभी घुमें तब तो पता चले कि आखिर बिहार के क्वरंटाइन सेंटर कितना सुव्यवस्थित तरीक़े से संचालित है।


जेडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को ज्ञान का आतंक फैलाने से पहले रांची जाकर अपने पिताजी से यह पूछना चाहिए कि आखिर हमारे लोग पलायन को मजबूर क्यों हुए थे, रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में जाने की आवश्यकता क्यों आन पड़ी, आपने अपने शासनकाल में बिहार की कितनी फैक्ट्रियों को बंद करवाया, कितने जूट और शूगर मिल बंद करवाया। फिर पटना लौटकर अपनी माताजी से भी यही सवाल दुहराना चाहिए कि आखिर बिहार में फैक्ट्रियों को बंद करने में आपका क्या योगदान रहा।


ललन सिंह ने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में रोजगार के अभाव में श्रमिक तबका पलायन का शिकार हुआ, क्योंकि इनकी कारगुजारियों से यहां फांकाकशी से जूझ रहे थे। अब ये लोग वापस लौटकर आए हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कह दिया है कि अब उनको कहीं जाने की जरूरत नहीं, हम रोजगार उत्पन्न करेंगे, यदि उनकी इच्छा है तो यहीं उनको रोजगार दिया जाएगा।


उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव क्वरंटाइन सेंटर का अवलोकन किए बिना खाली फेसबुक पर चिल्लपों करते रहते हैं, कभी घुमें तब तो पता चले कि आखिर बिहार के क्वरंटाइन सेंटर कितना सुव्यवस्थित तरीक़े से संचालित है। मुख्यमंत्री स्वयं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हर जिले के क्वरंटाइन सेंटरों पर रहने, खाने, शौच वगैरह एक एक चीज का गहन निरीक्षण किया है। बिहार के क्वरंटाइन सेंटरों पर उपलब्ध कराए गए व्यवस्था को इससे बेहतर समझा जा सकता है कि विभिन्न राज्यों ने इसकी सराहना की है, शायद ही किसी अन्य प्रदेश में ऐसी समुचित व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने बार बार कहा है कि राजकोष पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है, अभी क्वरंटाइन सेंटरों पर प्रति व्यक्ति किए जा रहे खर्च की भी विस्तृत जानकारी उन्होंने दी है।


जेडीयू नेता ने कहा कि जब 2008 में कोशी में आपदा आई थी उस समय भी विपक्ष ने इसी तरह सिर्फ आरोप मढ़ने का ही काम किया था और जब चुनाव परिणाम आया तो कोशी प्रक्षेत्र में इनका सूपड़ा साफ हो गया था फिर वही दुहराएगा, हम काम कर रहे हैं और विपक्ष सिर्फ आरोप मढ़ रहा है। विपक्ष की हालत बरसाती मेढ़क की तरह है, चुनाव का समय आ रहा है, फुदकेंगे फिर हाइबरनेशन में चले जाएंगे।