PATNA: बिहार सरकार ने विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को पेश कर दिया है। बिहार सरकार ने जातीय गणना के साथ साथ राज्य के लोगों की आर्थिक स्थिति का भी सर्वे कराया था। सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि किस जाति के लोगों के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी कितनी है।
सरकार की तरफ से सभी जातियों के अलग-अलग आंकड़े जारी किए गए हैं। सरकार ने पिछड़ा वर्ग में सरकारी नौकरी की स्थिति की जानकारी दी है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार मे यादवों में 2 लाख 89 हजार 538, 1.55 फीसदी लोग सरकारी नौकरियों में हैं। वहीं कुशवाहा जाति के 1 लाख 12 हजार 106, 2.04 फीसदी, कुर्मी जाति के 1 लाख 17 हजार 171, 3.11 फीसदी लोग सरकारी नौकरियों में हैं।
वहीं पिछड़ा वर्ग में शामिल बनिया जाति के 59 हजार 286, 1.96 फीसदी, सुरजापुरी मुस्लिम के 15 हजार 359, 0.63 फीसदी, भांट जाति के 5 हजार 114, 4.21 फीसदी, मलिक मुस्लिम के 1 हजार 552, 1.39 फीसदी लोग सरकारी नौकरी करते हैं। पिछड़ी जाति के लोगों की सरकारी नौकरियों में कुल हिस्सेदारी 6 लाख 21 हजार 481, 1.75 फीसदी है।
वहीं बात अगर अनुसूचित जाति में सरकारी नौकरी की करें तो दुसाध : 99 हजार 230, 1.44 फीसदी, चमार : 82 हजार 290, 1.20 फीसदी, मुसहर : 10 हजार 615, 0.26 फीसदी, पासी : 25 हजार 754, 2 फीसदी, धोबी : 34 हजार 372, 3.14 फीसदी, डोम : 3 हजार 274, 1.24 फीसदी यानी अनुसूचित जाति में कुल 2 लाख 91 हजार 4 लोग, 1.13 फीसदी सरकारी नौकरी कर रहे हैं।
अनुसूचित जनजाति में संथाल : 5 हजार 519, 0.96 फीसदी, गोंड : 8 हजार 401, 1.59 फीसदी, उरांव : 2 हजार 120, 1.06 फीसदी, थारू : 3 हजार 128, 1.63 फीसदी, यानी कुल मिलाकर 30 हजार 164, 1.37 फीसदी लोग सरकारी नौकरी में हैं।