PATNA : बिहार में कार्यरत सिटी एसपी या ग्रामीण एसपी को अब स्पेशल पावर दिया गया है। अब सिटी एसपी या ग्रामीण एसपी के पास यह पावर होगा कि वह दारोगा स्तर के पुलिस पदाधिकारियों को सस्पेंड कर सकते हैं। इससे पहले यह अधिकार सिर्फ SSP के पास होता था। सिटी SP या ग्रामीण SP के पास इससे पहले सिर्फ अनुशंसा करने का अधिकार था। लेकिन अब वह सीधा निर्णय ले सकते हैं।
दरअसल, सूबे के अंदर कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए और पदाधिकारियों के काम करने की स्टाइल में सुधार करने को लेकर बिहार पुलिस की नियमावली में बड़ा बदलाव किया गया है। अब दारोगा रैंक के थानेदार या अफसर को सिटी या ग्रामीण एसपी भी निलंबित कर सकते हैं। इससे पहले पटना जिले में यह अधिकार आईपीएस होने के बावजूद सीनियर एसपी से नीचे रैंक के अधिकारियों के पास नहीं था।
इस आदेश के बाद अब दारोगा रैंक के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए उन्हें ऊपर के अधिकारियों को अनुशंसा नहीं करनी पड़ेगी। पटना में कुछ महीने पहले तक एसएसपी दारोगा रैंक के थानेदार या अफसर को निलंबित करते थे। इसके बाद उनके ऊपर विभागीय कार्रवाई चलाई जाती थी। सिटी व ग्रामीण एसपी रैंक के अधिकारियों को यह अधिकार मिलने के बाद सुस्त पुलिसकर्मियों पर वह तेजी से कार्रवाई कर सकेंगे। सुधार नहीं हुआ तो उन पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
उधर, नए नियम के तहत अगर किसी दारोगा रैंक के पुलिसकर्मी पर कार्रवाई हुई है तो वह अपना पक्ष डीआईजी के पास रख सकते हैं। पक्ष समझने व सत्यता की जांच करने के बाद वहां से उन्हें राहत मिल सकती है। आईजी की अपील में दारोगा पर लगाए गए आरोप सत्य पाए जाने की स्थिति में सिटी या ग्रामीण एसपी का फैसला बरकरार रहेगा।