1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 27 Mar 2024 10:35:27 AM IST
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PATNA : बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। यहां पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को चार लोकसभा सीटों पर होगा। जिसमें से नवादा, औरंगाबाद, गया और जमुई लोकसभा का सीट शामिल है। ऐसे में इस चुनाव को लेकर एनडीए की तरफ से अभी तक 35 उम्मीदवारों की एक सूची जारी कर दी गई है। इस सूची में जातियों के 16 और भाजपा के 17 उम्मीदवार शामिल है। इसके साथ ही एक सीट जो जितन राम मांझी के खाते में गया है उस सीट से वो खुद चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा चिराग पासवान के खाते में गई 5 सीटों में से हाजीपुर सीट पर चिराग खुद उम्मीदवार होंगे। इसके बाद अब यह सवाल उतना शुरू हो गया है कि बिहार में एनडीए ने जातीय समीकरण के तहत कैंडिडेट का चयन किया है।
दरअसल,बिहार एनडीए में अब तक जारी कैंडिडेट की लिस्ट पर जातीय विवरण पर नजर जमाई जाती है तो जो बातें निकलकर सामने आई उसके मुताबिक इस लिस्ट में अति पिछड़ा समाज से 7 जिसमें भाजपा के 5 और जेडीयू के दो कैंडिडेट शामिल हैं। इसी तरह यदि हम राजपूत समाज की बात करें तो 6 कैंडिडेट में भाजपा में राजपूत समाज के पांच कैंडिडेट और जदयू में एक कैंडिडेट को सिंबल दिया गया है।
इसके बाद यादव समाज पर नजर डाले तो 5 कैंडिडेट में भाजपा में यादव समाज से तीन और जदयू में दो नेताओं को अब तक सिंबल दिया जा चुका है। इसी तरह कुशवाहा समाज पर नजर डालें तो भाजपा के तरफ से तीन कुशवाहा समाज के नेताओं को सिंबल दिया गया है और जदयू के तरफ से एक नेता को सिंबल दिया गया है।
वही भूमिहार समाज की बात करें तो अबतक इस समाज से तीन नेता को टिकट मिल चूका है। जिसमें भाजपा के तरफ से दो भूमिहार समाज के नेता को टिकट दिया गया है जबकि जदयू के तरफ से मात्र एक टिकट भूमिहार समाज के नेता को दिया गया है। इसके बाद ब्राह्मण की बात करें तो अबतक इस समाज से भी महज 3 नेता को टिकट दिया गया है। जिसमें ब्राह्मण समाज से भाजपा ने दो नेताओं को टिकट दिया है और जदयू ने एक नेताओं को टिकट दिया है। जबकि दलित की बात करें तो एनडीए ने अबतक कुल 4 नेता को टिकट दिया है।
उधर हम कायस्थ, कुर्मी, वैश्य और मुस्लिम समाज की बात करें तो इन तीनों समाज से एक-एक नेता उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा लोजपा के तीन सुरक्षित सीट पर अभी मात्र एक उम्मीदवार को उतारा गया हैं और दो सामान्य सीट का भी ऐलान बाकी है। ऐसे में अब दो और दलित समाज के नेता और दो अगड़ी जाती के नेता मैदान में देखने को मिल सकते हैं।