बिहार में क्वॉरेंटाइन सेंटरों से भागे 64 मजदूर और ग्रामीण, दूसरे के लिए बने संकट

बिहार में क्वॉरेंटाइन सेंटरों से भागे 64 मजदूर और ग्रामीण, दूसरे के लिए बने संकट

PATNA: दूसर राज्यों से बिहार आने वाले मजदूरों के लिए सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटर जिला से लेकर पंचायत और गांव स्तर तक बनाया है लेकिन यहां से मजदूर भाग रहे हैं. दो-तीन दिन के अंदर बिहार के अलग-अलग सेंटरों से 64 मजदूर और ग्रामीण भाग निकले.दूसरे राज्यों से आए मजदूर प्रशासन को सहयोग नहीं कर रहे हैं.

बाढ़ से भागे 22 लोग

बेलछी प्रखंड के सकसोहरा पूर्वी पंचायत में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूल में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर से 22 ग्रामीण जांच के कुछ ही घंटे के बाद फरार हो गए. जबकि उन्हें 14 दिनों के लिए सेंटर में रहने के लिए कहा गया था. सबकी तलाश की जा रही है. 

सुपौल में भागे सबसे अधिक

सुपौल में सबसे अधिक मजदूरों के भागने का मामला सामने आया हैहाई स्कूल गौरवगढ़ से सोमवार की देर रात 25 मजदूर क्वारेंटाइन कैंप की कुव्यवस्था को देख भाग निकले. बसबिट्टी मीडिल स्कूल से भी 12 मजदूर भाग गए. सभी मजदूर दिल्ली से आए थे. इनको 14 दिनों के क्वॉरेंटाइन किया गया था. लेकिन यह भाग निकले. सभी की खोजबीन की जा रही है. कुछ मजदूरों के मुंगेर से भी भागे थे. पूर्णिया के जलालगढ़ पंचायत के कस्तूरबा विद्यालय में रविवार की रात पांच लोगों को क्वारेंटाइन किया था लेकिन सभी लोग उसी रात आइसोलेशन सेंटर से भाग निकले. पांचों की जांच तक नहीं हो पाई.

दूसरे के लिए बन रहे खतरा

क्वॉरेंटाइन सेंटर से भाग रहे मजदूर दूसरे ओर अपने घर परिवार को संकट में डाल सकते हैं. मजदूरों को स्थिति की गंभीरता को सोचना चाहिए. प्रशासन को सहयोग करना चाहिए. लेकिन यह लोग हंगामा कर रहे हैं. भागने वाले लोगों की खोजबीन की जा रही है.