बिहार : पुलिस की छापेमारी में बरामद शराब और वाहन के कम आंकड़े दिखाने का चौकाने वाले आरोप, गहन जांच की तैयारी में उत्पाद अधीक्षक

बिहार : पुलिस की छापेमारी में बरामद शराब और वाहन के कम आंकड़े दिखाने का चौकाने वाले आरोप, गहन जांच की तैयारी में उत्पाद अधीक्षक

BEGUSARAI : इस वक़्त की हैरान कर देने वाली एक बड़ी खबर बेगूसराय उत्पाद बैरक से सामने आ रही है. जहां बरामद प्रतिबंधित शराब एवं जब्त वाहन के आंकड़े में कमी का आरोप लगाया जा रहा है. आरोप के बाद उत्पाद पुलिस की टीम ही सवालों से घिरे नजर आ रही है. पुलिस गिरफ्त में आए अवैध कारोबार के आरोपी की एक बयान ने छापेमारी टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों के होश उड़ा कर रख दी है. 


हिरासत में आए आरोपी के बयान सामने आते ही वरीय अधिकारी आरोपों को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेते हुए मामले में हर बिन्दुओं पर जांच की तैयारी में जुट गई है. आपको बताते चलें कि बीते 18 दिसम्बर की रात गुप्त सूचना मिलते ही उत्पाद विभाग के अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने चिन्हित ठिकानों पर छापेमारी की थी. जहां से जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों के भिन्न भिन्न स्थानों से कुल 135 कार्टून विदेशी अवैध शराब एवं दो वाहन की जब्ती सहित कारोबार में लिप्त पिकअप चालक जो मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बागबारा निवासी इंद्रजीत साह का पुत्र राज कुमार को गिरफ्तार किया था. 


जबकि प्रतिबंधित शराब तस्कर सहित कारोबार में शामिल अन्य आरोपी मौके से फरार बताया गया. इस दौरान पुलिस ने मुफस्सिल एवं निमाचाँदपुरा थाना क्षेत्र में की गई छापेमारी में कुल 135 कार्टून विदेशी शराब एवं एक ऑल्टो कार तथा एक पिकअप गाड़ी बरामद की. लेकिन इस पूरे घटना क्रम में उस वक्त एक नया मोड़ आ गया. जब पुलिस के हत्थे चढ़े एक आरोपी चालक राजकुमार ने कोर्ट में बयान देकर उत्पाद विभाग के पुलिस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. हड़कंप मचा देने वाली बयान से पुलिस के दोनों हाथ पांव फूल गए हैं. पुलिस द्वारा दिखाए जा रहे बरामदगी और जब्ती पर दावे के साथ आंकड़े में कमी का आरोप लगाते हुए न केवल आरोपी अड़ गए. बल्कि उसने अपने बयान में भी सबकुछ साफ साफ बता दिया. 


उसने दावे के साथ बताया कि उसके निशानदेही पर ही पुलिस ने कार्रवाई की जिस दौरान उत्पाद टीम की छापेमारी में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लरुआरा चौक से  200 कार्टून विदेशी शराब, पिकअप गाड़ी तथा नीमा चांदपुरा थाना क्षेत्र के हाय स्कूल के निकट स्थित केले की बगान से एक ऑल्टो एवं एक ट्रक को पुलिस ने जब्त की. आरोपी के वयान की माने तो 65 कार्टून विदेशी शराब एवं एक ट्रक की हेराफेरी उभरकर सामने आई है जो उत्पाद पुलिस की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल खड़े होते नजर आ रही है. इस मामले को लेकर उत्पाद अधीक्षक बेहद गंभीरता के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. मधनिषेध अधीक्षक सुनील कुमार सिन्हा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि  मामले संज्ञान में आए हैं. 


एसपी ने बताया कि बीते 18 दिसंबर की रात बड़ी खेप की सूचना मिलते ही उत्पाद पुलिस सजगता के साथ चिन्हित ठिकानों पर छापेमारी की जहां अलग अलग वाहन पर दो भिन्न भिन्न स्थानों से135 कार्टून विदेशी शराब की बरामदगी के साथ दो वाहन एवं एक चालक को गिरफ्तार किया गया. अधीक्षक ने बताया कि हत्थे चढ़े आरोपी द्वारा दिए गए बयान पुलिस को दिग्भ्रमित करने के लिए दी गई है. उन्होंने बताया कि सब इंस्पेक्टर के द्वारा छापेमारी की गई है इसलिए आरोप सामने आते ही गंभीरता के साथ इसकी उच्चस्तरीय जांच शुरू की जा रही है. हिरासत में लिए गए आरोपियों की माने तो  उसने महज दो हजार रुपये की लोभ में पुलिस के लिए लाइनर की भूमिका निभाई और उसे ही जेल भेजने की कवायद चल रही है. आरोपों से जहां उत्पाद विभाग की साख दांव पर लग गई है वहीं सरकार के दावे एवं वादे दोनो खोखला सावित होते नजर आ रही है.


आपको बता दें कि राज्य में प्रतिबंधित शराब की शत प्रतिशत सफलता के लिए चलाए जा रहे जागरूकता अभियान एवं मदद के लिए अगुवाई करने वाले को गोपनीयता के साथ साथ सुरक्षा के वादे भी दी जा रही है. लेकिन इस घटना से मददगार को जोखिम भरे परिणाम सामने आए हैं. और उल्टे पुलिस मददगार को ही जेल भेजने की कार्रवाई से राष्ट्रभक्ति की भावना को कुचलने जैसी व्यवस्था से इंकार नहीं किया जा सकता जो किसी भी सभ्य समाज के लिए स्वीकार नहीं हो सकता. इस कार्रवाई से एक ओर जहां पुलिस के प्रति विश्वास दांव पर अटक कर रह गई है. वहीं मददगार बनने की उम्मीद भी समाप्त होने की कगार पर पहुंचने से इंकार नहीं किया जा सकता.  वहीं दूसरी तरफ यह भी अब देखने वाली खाश बात होगी कि इस पूरे मामले में विभाग द्वारा जांच की दिशा में उठाए गए कदम के नतीजें कब तक और किस रूप में सामने आती है.