MUZAFFARPUR : बिहार में चमकी बुखार पांव पसराने लगा है। मुजफ्फपुर के एसकेएमसीएच में इस साल अब तक एईएस के चार मरीजों का इलाज हुआ। इनमें एक बच्चे की मौत हो गई थी। दो बच्चे पूर्वी चंपारण व दो बच्चे मुजफ्फरपुर जिले के हैं। वहीं एसकेएमसीएच में 13 घंटे में चमकी बुखार से पीड़ित दो बच्चे भर्ती हुए हैं।
एसकेएमसीएच सुप्रीटेंडेंट ने बताया कि उनके पास अभी कन्फर्म चार एईएस मरीज की रिपोर्ट आयी है। इनमें सकरा के एक बच्चे की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक 31 मार्च से PICU में इलाज करा रहे गायघाट के मो. कुवैब के ब्लड में शुगर की कमी होने पर एईएस की श्रेणी में रखा गया है। मो. कुवैब के अलावा चकिया के अरहान और मीनापुर के अनिकेत के ब्लड और रीढ़ के पानी की लैब जांच हुई थी। इसमें केवल अरहान के ब्लड में जेई वायरस की रिपोर्ट आयी थी, लेकिन तीनों की रीढ़ के पानी में वायरस की पुष्टि नहीं हुई। छह दिन बाद मो. कुवैब के ब्लड में शुगर की कमी पर एईएस की श्रेणी में रखा गया है।
वहीं, शुक्रवार की देर रात पूर्वी चंपारण के महवल के 10 वर्षीय रंजन कुमार को चमकी-बुखार होने पर भर्ती किया गया है। उसे संदिग्ध एईएस का मरीज बताया गया है। इसी तरह शनिवार की दोपहर में कांटी के कुशीनगर के छह वर्षीय हिमांशु कुमार में चमकी की समस्या होने पर भर्ती किया गया है। हालांकि, एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभाग ने हिमांशु को मिर्गी का मरीज बताते हुए रिपोर्ट दी है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चा मिर्गी का मरीज है। इस कारण बेहोश होने व चमकी की समस्या है। इसकी रिपोर्ट की पटना मुख्यालय को भेज दी गई है।