बिहार में लॉकडाउन की परवाह किए बिना दुल्हे मियां निकले बारात लेकर, बुरे फंसे सभी बाराती

बिहार में लॉकडाउन की परवाह किए बिना दुल्हे मियां निकले बारात लेकर, बुरे फंसे सभी बाराती

SUPAUL: लगभग पूरा देश कोरोना वायरस के खौफ के साये में अपने-अपने घऱों में लॉकडाउन हो चुके हैं। कोरोना वायरस की वजह से बिहार समेत देश के 19 राज्यों को पूरी तरह लॉक डाउन कर दिया गया है। ट्रेनों के पहियों की रफ्तार भी थम गयी है। लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद एक दुल्हे मियां बारात लेकर पहुंच गये अपने होने वाले ससुराल।


ये खबर आपको पढ़ने में मजेदार जरूर लग सकती है कि दुल्हे ने लॉक डाउन की परवाह किए बिना बारात लेकर पहुंच गये शादी रचाने। सहरसा से निकल कर दुल्हे मियां बारात लेकर सुपौल तक पहुंच गये। सहरसा के बनगांव के मोहम्मद तबरेज 65 बारातियों की फौज लेकर पांच-पांच थाना क्षेत्रों के पार करते हुए सुपौल के छातापुर तक पहुंच गये। लेकिन बड़ी लापरवाही भी है।


अब अगर बात कर लें लॉकडाउन की तो इस दौरान पूरे बिहार में किसी को घर से निकलने तक की इजाजत नहीं है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश में या कहे कि पूरे विश्व में पीड़ित देशों में लॉकडाउन को लागू किया गया है।  बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने लॉकडाउन का एलान करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि वे इसका कड़ाई से पालन करें। ये जरूरी भी है तभी तो तेजी से पांव पसारते कोरोना को मात दी जा सकती है।


अब फिर चलते हैं दुल्हे राजा और उनके बारात के पास। दुल्हे मियां की बारात कई गाड़ियों में लगभग 65 लोगों को लेकर पांच-पांच थानों जिसमें सहरसा जिले के दो थाने और सुपौल जिले के तीन थानों को क्रास कर गये। खैर इसमें दुल्हे मियां की क्या गलती उन्हें दुल्हन को ब्याह कर लाने की जल्दी पड़ी थी। लेकिन सवाल यहां ये पैदा हो रहा है कि आखिरकार इन पांच थानों की पुलिस क्या कर रही थी। कहीं भी बारात को नहीं रोका गया ।ये जारी लॉकडाउन का मजाक नहीं तो और क्या है?


पूछे जाने पर दुल्हे मियां लॉकडाउन के बारे में पूरी तरह से अनभिज्ञता जाहिर करते हैं। उन्होनें ये जरूर कहा कि जनता कर्फ्यू के दौरान वे घर से नहीं निकले थे लेकिन आज के बारे में कोई जानकारी उन्हें नहीं थी। अब महाआपदा की इस घड़ी में अगर लोग जागरूक होते और पुलिस थोड़ा सतर्क होती तो शायद ये भीड़ नहीं जमा होती और कोरोना के खिलाफ लड़ाई थोड़ी और मजबूती से लड़ी जा सकती थी।