DELHI: बिहार में चल रही जातीय जनगणना पर तीन दिनों के अंदर कोर्ट का फैसला आ जायेगा. सुप्रीम कोर्ट में जातीय जनगणना को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ये अहम निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आज बिहार में जाति जनगणना पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका याचिकाकर्ता 'यूथ फॉर इक्वलिटी' नामक संस्था ने दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि का कहना है कि पूरी प्रक्रिया बिना उचित कानूनी आधार के हो रही है. लोगों को जाति बताने के लिए बाध्य करना उनकी निजता का भी हनन है. बिहार सरकार संविधान विरोधी काम कर रही है.
3 दिन में सुनवाई कर आदेश दे हाईकोर्ट
इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जाति आधारित गणना के खिलाफ याचिका पर पटना हाई कोर्ट 3 दिन में सुनवाई कर अंतरिम आदेश दे. दरअसल सुप्रीम कोर्ट को याचिकाकर्ता ने कहा था कि राज्य सरकार ने 15 मई तक जनगणना पूरी कर लेने का टाइम तय किया है, लेकिन मामले की सुनवाई कर रही पटना हाई कोर्ट की बेंच ने रोक का आदेश देने से मना कर दिया है.
बता दें कि बिहार सरकार राज्य में जातिगत आधारित गणना करा रही है. सरकार कह रही है कि इससे आरक्षण के लिए प्रावधान करने और विभिन्न योजनाओं के सही क्रियान्वयन में मदद मिलेगी. अभी बिहार में जातिगत जनगणना का दूसरा चरण चल रहा है. पहले चरण की जाति जनगणना 7 जनवरी से शुरू होकर 21 जनवरी तक चली थी. दूसरे चरण की गणना की शुरुआत 15 अप्रैल को हुई थी, जो 15 मई तक चलेगा. इसमें राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों की जाति पूछ रहे हैं.