PATNA : बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले में एक पीड़ित की लापरवाही बहुतों पर भारी पड़ रही है। बिहार के मुंगेर, सीवान और नालंदा में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की अपील, लॉकडाउन, क्वारेंटाइन सब धरे के धरे रह जा रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि एक व्यक्ति की लापरवाही का शिकार परिवार के क्लोज मेंबर बन रहे हैं। इनमें सभी उम्र के लोग चाहे वो बच्चे, बूढ़े और महिला क्यों न हो कोरोना का शिकार बन रहे हैं।
पिछले 20 दिनों में मुंगेर, सीवान और नालंदा जिले में एक-एक कोरोना पॉजिटिव की वजह से दर्जनों लोग संक्रमित हुए हैं। मुंगेर में कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद परिवार के छह लोग संक्रमित हुए और उसके मौत के बाद दो दर्जन से अधिक लोगों की जांच की गयी। पूरे इलाके को सील कर उसकी स्क्रीनिंग की गयी।
वहीं बिहार में हॉटस्पॉट बन चुके बिहारशरीफ में भी एक कोरोना पीड़ित से डॉक्टर और उनके 16 परिजन भी संक्रमित हो गये। ये चेन पटना के युवक के ससुर में भी पहुंच गया। वहीं दूसरी ओर सीवान में ओमान से आए युवक के कोरोना पीड़ित होने के बाद उसके परिवार के 23 लोगों को संक्रमण का शिकार हो गए।
जानकारों की मानें तो अगर कोरोना पीड़ित मरीज खुद को आइसोलेशन में रखे और लक्षण के सामने आते ही जांच और इलाज कराए तो बीमारी के ठीक होने के पूरी उम्मीद रहती है और इसका कम्यूनिटी स्प्रेडिंग भी नहीं होता है। थोड़ी सावधानी से इस बड़ी बीमारी को दूर भगाया जा सकता है।