PATNA : बिहार में संदिग्धों का कराया जा रहा कोरोना टेस्ट सवालों के घेरे में आ गया है। वैशाली के रहने वाले युवक की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई उसकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। इस बेहद चौकाने वाले मामले में जो दो रिपोर्ट सामने आई है उसके मुताबिक 48 घंटे के अंदर ही बिना किसी इलाज के राघोपुर के युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव से निगेटिव हो गई।
दरअसल वैशाली के रहने वाले युवक की मौत 17 अप्रैल को पटना एम्स में हुई थी। इसके पहले उसके रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। 15 अप्रैल की रात 9 बजे इस युवक की पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसका सैंपल 15 अप्रैल की सुबह लिया गया था और उसी शाम रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया साथ ही साथ उसके परिजनों को भी क्वॉरेंटाइन किया गया था। 16 अप्रैल को युवक की तबीयत अचानक से बिगड़ गई और उसे वेंटिलेटर पर ले जाना पड़ा। 17 अप्रैल को एक बार फिर से सुबह में उसका टेस्ट सैंपल लिया गया था लेकिन उसी दिन दोपहर को उसकी मौत हो गई। अब 17 अप्रैल को लिए गए टेस्ट सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। पटना एम्स में युवक की मौत का कारण मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर बताया है लेकिन राज्य सरकार ने खुद अधिकारिक तौर पर कोरोना की वजह से मौत की पुष्टि की।
यह दोनों सैंपल टेस्ट अलग-अलग जगहों पर कराए गए थे। इसके पहले भी मुंगेर के शख्स की मौत हुई थी उसका इलाज करने वाले शरणम हॉस्पिटल की एक नर्स का रिपोर्ट भी अचानक से बदल गया था। शरणम हॉस्पिटल की नर्स की रिपोर्ट 25 मार्च को निगेटिव आई थी लेकिन बाद में 27 मार्च को वह पॉजिटिव हो गई। पटना के खाजपुरा इलाके में रहने वाली महिला के मामले में भी ऐसी ही जानकारी सामने आ रही है। अब ऐसे में कोरोना टेस्ट की विश्वसनीयता को लेकर भी सवाल खड़ा होना शुरू हो गया है।