PATNA : बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए के तरफ से करीब -करीब सीटों पर कैंडिडेट के नाम का एलान कर दिया गया है। अब सिर्फ तीन सीट ही ऐसे बचे हुए हैं एनडीए खाते में जहां अबतक कैंडिडेट कौन होंगे इसका फैसला इस गठबंधन में नहीं हो पाया है। लेकिन, सीट बंटवारा के बाद एक और रोचक बातें जो निकल कर सामने आई है वो यह है कि इस बार सीटों की अदला -बदली के कारण कई सांसदों का सीट बदलना लगभग तय है।
दरअसल, बिहार में सीटों की अदला -बदली और नए कैंडिडेट के चुनावी मैदान में आने की वजह से कई लोकसभा सीट पर सांसद बदल जाएंगे।इससे पहले के चुनाव यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 39 सीटें अपने खाते में करने वाली एनडीए में सीट का अदला -बदली हुआ है और कई जगह पर नए चेहरे मैदान में उतारे गए हैं। ऐसे में अब इन सीटों पर एनडीए की जीत होती है या फिर महागठबंधन की हरहाल में नए सांसद का इस जगह से आना तय है।
सबसे पहले हम बात करें बिहार के अंदर सबसे अधिक चर्चा में रही सीट हाजीपुर की तो इस बार यहां से चुनावी मैदान में चिराग पासवान अपना दमखम दिखाने वाले हैं। जबकि महागठबंधन के तरफ से अभी कैंडिडेट तय नहीं हुआ है। ऐसे में इन दोनों में कोई भी उम्मीदवार जीत हासिल करता है तो यहां नए सांसद का चेहरा देखने को मिल सकता है। हालांकि, पारस यदि चुनाव मैदान में उतरते हैं और जीत हासिल करते हैं तो फिर बात अलग हो सकती है। लेकिन, स्थानीय लोगों से फीडबैक से इस बात की संभावना बेहद कम है।
इसके अलावा चिराग पासवान के खाते में खगड़िया, समस्तीपुर और वैशाली सीट भी हैं और अभी तक यहां कैंडिडेट के नाम का एलान नहीं हुआ है। पिछले दफे यह सभी सीट एनडीए के खाते में थे।ऐसे में चिराग यदि यहां कोई नया कैंडिडेट मैदान में उतारते हैं तो फिर इन सीटों पर भी नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, इस बात का अंतिम फैसला चिराग को करना है। लेकिन, इस बार जमुई में नए सांसद का आना तय हो गया है। इस बार यहां की जनता को नए सांसद पर अपना भरोसा जताना होगा।
उधर, शिवहर, गया, कराकट और नवादा सीट पर नए सांसद का चेहरा देखने को मिलेगा। पिछले चुनाव में यह सभी सीट एनडीए के हिस्से में आए थे। इस बार इस सीट पर अदला- बदली हुई है। ऐसे में इन सीटों पर एनडीए बहुमत भी हासिल करती है तो भी नए चेहरे का आना तय है और महागठबंधन के चुनाव में जीत हासिल करते हैं तो वो भी यहां की जनता के लिए नए चेहरे होंगे। मालूम हो कि, शिवहर सीट इस बार जदयू कहे खाते में चला गया है तो यहां से जदयू ने अपने कैंडिडेट मैदान में उतारे हैं और सीटिंग सांसद का पत्ता कट गया है।
जबकि गया सीट भी इस बार मांझी को मिला है और वो खुद चुनावी मैदान में हैं लिहाजा यहां भी नए चेहरे को जीत मिलेगी। इसके साथ ही काराकट सीट उपेंद्र कुशवाहा को मिला है, पिछले दफा यह सीट जदयू के पास थी तो ऐसे में यहां भी नए चेहरे होंगे। इसी तरह नवादा सीट भी इस बार भाजपा के खाते में गई है यहां से सिटिंग सांसद का पत्ता साफ़ हो गया है। ऐसे में यहां भी नए चेहरे मैदान में होंगे।
आपको बताते चलें कि, भाजपा ने बक्सर, सासाराम और मुजफ्फरपुर से वर्तमान सांसद का पत्ता काट दिया है। ऐसे में यहां भी नए चेहरे का आना तय है। वहीं, जदयू ने दो सांसद का पत्ता काटा है। इसमें जदयू ने सिवान और सीतामढ़ी में नए चेहरे का आना तय है। अब यहां के लोगों को नए सांसद पर अपना भरोसा दिखना होगा और इस बार अपनी समस्या बतानी होगी।