ब्रेकिंग न्यूज़

India-Pakistan Conflict: "हम योजना बना रहे थे तब तक भारत ने ब्रह्मोस दाग दी", PAK PM ने खोल दी अपनी ही पोल Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने अब्बास अंसारी को ठहराया दोषी, थोड़ी देर में सजा का ऐलान Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने अब्बास अंसारी को ठहराया दोषी, थोड़ी देर में सजा का ऐलान IPL 2025: "समझो RCB ने ट्रॉफी उठा ली है..", पूर्व स्टार क्रिकेटर की भविष्यवाणी ने सोशल मीडिया पर मचाया तहलका Parenting Tips: अगर आप भी बनाना चाहते हैं अपने बच्चे को सफल और खुशहाल तो पढ़िए पूरी रिपोर्ट! Bihar News: दर्दनाक सड़क हादसे में दो लोगों की मौत, बिजली के पोल से टकराई तेज रफ्तार बाइक Rahul Gandhi Bihar Visit: राहुल गांधी के बिहार दौरे की तारीख तय, नीतीश के गढ़ में इस दिन करेंगे सम्मेलन; OBC-EBC वोट में सेंधमारी की कोशिश Rahul Gandhi Bihar Visit: राहुल गांधी के बिहार दौरे की तारीख तय, नीतीश के गढ़ में इस दिन करेंगे सम्मेलन; OBC-EBC वोट में सेंधमारी की कोशिश Bollywood: साँपों की शौकीन हैं बॉलीवुड की यह हसीना, घर में एक खूंखार पाइथन रखने की बात कितनी सच? Bihar ring road: बिहार के इस जिले में बनेगी नई रिंग रोड ,डीएम ने दिया भूमि अधिग्रहण का आदेश

मुजफ्फरपुर में बहाली घोटाला: लोजपा सांसद वीणा देवी और उनके पति दिनेश सिंह ने खेला खेल, सिविल सर्जन ने किया खुलासा

1st Bihar Published by: Updated Sat, 19 Jun 2021 06:35:41 PM IST

मुजफ्फरपुर में बहाली घोटाला: लोजपा सांसद वीणा देवी और उनके पति दिनेश सिंह ने खेला खेल, सिविल सर्जन ने किया खुलासा

- फ़ोटो

PATNA : मुजफ्फरपुर में 780 स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली में घोटाले को लेकर हंगामा मचा है. सिविल सर्जन ने अपने स्तर से ही इन लोगों की नियुक्ति कर ली थी. डीएम ने जांच करायी तो भारी गड़बडी पकड़ी गयी. अब मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन कह रहे हैं-मैंने तो पार्षद दिनेश सिंह औऱ उनकी पत्नी सांसद वीणा देवी की सिफारिश पर कई लोगों की बहाली की. फिर भी पता नहीं क्यों दिनेश सिंह ने ही नियुक्ति पर शिकायत कर दी औऱ डीएम ने जांच कर उसे अवैध करार दिया. ये वही वीणा देवी हैं जो चिराग पासवान का साथ छोड कर पशुपति पारस के साथ गयी हैं.


वैसे पहले समझ लीजिये कि मामला क्या है. मामला मुजफ्फरपुर में 780 स्वास्थ्यकर्मियों की संविदा पर बहाली का है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन के स्तर पर कोविड से निपटने और वैक्सीनेशन को सही तरीके से लागू करने के नाम पर इन कर्मचारियों की अस्थायी बहाली की गयी. नियुक्ति के 20 दिन बाद मुजफ्फरपुर के डीएम ने मामले की जांच करायी. जांच में पाया गया कि नियुक्ति में बड़े पैमाने पर गडबड़ी की गयी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दो दिन पहले डीएम ने सारी नियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया. सिविल सर्जन के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी कर दी. लेकिन नियुक्ति रद्द होने के बाद बहाल किये गये कर्मचारियों ने भारी हंगामा खड़ा कर दिया. शुक्रवार को उन्होंने जमकर हंगामा किया. इसके बाद सिविल सर्जन ने उन्हें फिर से बहाल करने का आदेश जारी कर दिया. मुजफ्फरपुर में हुए इस भर्ती घोटाले को लेकर पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है. 


असली खेल तो वीणा देवी औऱ उनके पति दिनेश सिंह का है
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन एस के चौधरी ने मीडिया के सामने इस पूरे मामले का राज खोला. सिविल सर्जन की जुबानी ही इस बहाली में हुए खेल की कहानी सुनिये “माननीय विधान पार्षद दिनेश सिंह ने 5 लोगों को बहाल करने की सिफारिश की थी. मैंने उन सभी पांच लोगों को नियुक्ति कर लिया. सांसद वीणा देवी की भी सिफारिश आयी थी दो लोगों के लिए. उनको भी रख लिया गया. फिर भी पता नहीं क्यों जिला परिषद की बैठक में दिनेश सिंह ने इस बहाली में गडबड़ी का आरोप लगाया. उन्होंने डीएम को चिट्ठी लिख कर इस मामले की जांच कराने को कहा. उनके पत्र के आधार पर ही इस मामले की जांच करायी गयी औऱ नियुक्ति को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया गया.”


मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन कह रहे हैं कि कोरोना से निपटने औऱ वैक्सीनेशन को गति देने के लिए राज्य स्वास्थ्य मुख्लायल से उन्हें तीन महीने के लिए संविदा पर कर्मचारियों को रखने का निर्देश मिला था. उन्होंने उसी आदेश के आलोक में कर्मचारियों को रखा था. उस बहाली में विधान पार्षद दिनेश सिंह औऱ उनकी सांसद पत्नी वीणा देवी का पूरा ख्याल रखा गया. फिर भी उन्होंने शिकायत कर दी.


इतने पावरफुल कैसे हो गये दिनेश सिंह
पहले हम आपको बता दें कि दिनेश सिंह हैं कौन. दिनेश सिंह जेडीयू के विधान पार्षद हैं. पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी विरोधी काम करने के आऱोप में जेडीयू से निलंबित किया गया है. उनकी पत्नी वीणा देवी लोजपा की सांसद है. सवाल ये है कि जेडीयू से निलंबित विधान पार्षद दिनेश सिंह इतने पावरफुल कैसे हो गये कि उनकी सिफारिश पर बहाली की गयी और फिर उनकी ही सिफारिश पर जांच कर सारी नियुक्ति को रद्द कर दिया गया.


क्या लोजपा का खेल पहले से फिक्स था
सवाल ये भी उठ रहा कि क्या लोजपा में जो टूट हुई वह पहले से फिक्स था. दिनेश सिंह जेडीयू से निलंबित होने के बावजूद बिहार के पावर सेंटर के नजदीक थे. इसका अंदाजा मुजफ्फरपुर के सरकारी अधिकारियों को भी थी. तभी उनकी हर सिफारिश मानी जा रही थी. दिनेश सिंह पहले से ही काफी विवादित रहे हैं. लेकिन शुरू से ही ये माना जाता रहा है कि वे नीतीश कुमार से डायरेक्ट हैं. लिहाजा मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी अमले पर उनती तूती बोलती रही है. लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पकड कमजोर हो गयी थी. हालांकि पिछले एक महीने से दिनेश सिंह फिर से पावर में दिख रहे थे. लोजपा के सूत्र बताते हैं कि पार्टी में जो टूट हुई है उसमें सबसे मुखर दिनेश सिंह और उनकी सांसद पत्नी वीणा देवी ही रहीं हैं. तो क्या इस खेल से होने वाले लाभ को दिनेश सिंह पहले से उठा रहे थे. 


हम नेता पर भी आरोप
उधर मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन इस मामले में हम के जिलाध्यक्ष शरीफुल हक पर भी गंभीर आरोप लगा रहे हैं. उनका आऱोप है कि हम के जिलाध्यक्ष ने अपने पांच लोगों की नियुक्ति के लिए लगातार दवाब बनाया. जब उनकी सिफारिश पर नियुक्ति नहीं हुई तो उन्होंने बखेड़ा किया. एक फर्जी ऑडियो क्लीप वायरल किया, जिससे लगा कि नियुक्ति में भारी घोटाला हुआ है. सिविल सर्जन का कहना है कि उस ऑडियो क्लीप में जिसकी आवाज है उससे उनका कोई लेना देना नहीं है.