आरा के अर्णव ने किया कमाल, IIT JEE एडवांस में देश भर में हासिल किया 9वां स्थान

आरा के अर्णव ने किया कमाल, IIT JEE एडवांस में देश भर में हासिल किया 9वां स्थान

PATNA : JEE एडवांस में आरा के अर्णव आदित्य सिंह ने कमाल कर दिखाया है. अर्णव आदित्य सिंह ने इस परीक्षा में पूरे देश में 9वां स्थान हासिल कर घर-परिवार का नाम रोशन किया है. अर्णव बड़ा होकर वैज्ञानिक बनना चाहता है. 


बिहार के भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के ईश्वरपुरा गांव के रहने वाले कंप्यूटर इंजीनियर सियाराम सिंह के बड़े बेटे अर्णव आदित्य सिंह ने JEE एडवांस की परीक्षा में देश भर में 9वां स्थान प्राप्त किया है. शुक्रवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर ने जेईई एडवांस्ड 2021 की प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया,  जिसमें ऑल इंडिया में 9वें स्थान भोजपुर के रहने वाले अर्णव आदित्य सिंह ने लाकर अपने परिवार के साथ साथ पूरे बिहार का नाम रोशन किया.


अर्णव के पिता सियाराम सिंह भी कंप्यूटर इंजीनियर हैं  उन्होंने बताया कि "बेंगलुरु में जॉब करते थे, लेकिन बेटे की फिजिक्स और केमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए सपरिवार कोटा शिफ्ट हो गए. उसने वहीं से एक निजी कोचिंग संस्थान से परीक्षा की तैयारी की. अर्णव के दादा राजनाथ सिंह वकील हैं. उन्होंने बताया कि पोते ने 9वां स्थान लाकर पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया. अर्णव बचपन से ही बहुत पढ़ने में तेज है. वह वैज्ञानिक बनना चाहता है. इसके लिए वह बहुत मेहनत करता है.



राजनाथ सिंह ने बताया कि कतर के दोहा में 2019 में आयोजित 16वें इंटरनेशनल साइंस ओलंपियाड में अर्णव ने गोल्ड मेडल जीता था. उस दौरान 55 देशों के 322 छात्रों ने उस ओलिंपियाड में भाग लिया था, जिसमें अर्णव को गोल्ड मिला था. इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलिंपियाड के 16 साल के इतिहास में पहली बार भारत के सभी 6 छात्रों को गोल्ड मेडल हासिल हुआ था.


इंडियन सोसाइटी ऑफ फिजिक्स टीचर्स के अध्यक्ष प्रो. विजय सिंह और उनके छात्र अर्णव आदित्य सिंह ने सर विलियम जोंस के 236 साल पहले किए गए दावों को गलत ठहराया था. अर्णव और प्रो सिंह का कहना था करीब 236 साल पहले प्रसिद्ध ओरिएंटलिस्ट और एशियाटिक सोसाइटी के संस्थापक सर विलियम जोंस ने भागलपुर से भूटान के माउंट जोमोल्हरी चोटी को नहीं बल्कि कंचनजंघा को देखा होगा.


उनका कहना था कि लॉकडाउन के दौरान वायुमंडल में हानिकारक कणों के घनत्व में गिरावट और हवा साफ होने से भारत के उत्तरी मैदानी भाग से हिमालय के कई चोटियां देखी गई थीं. यह दावा किया कि माउंट जोमोल्हरी 7326 मीटर ऊंचा है. इसके शिखर से अधिकतम दूरी 216 KM तक देखी जा सकती है. जबकि, माउंट जोमोल्हरी शिखर और भागलपुर के बीच की दूरी 366 किलोमीटर है. पूर्णिया से भी 1790 में माउंट जोमोल्हरी और हिमालय की कुछ चोटियों के दृश्य देखने की बात विलियम जोंस के उत्तराधिकारी रहे हेनरी कॉल ब्रिज ने कही थी.