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1st Bihar Published by: Updated Fri, 03 Apr 2020 01:44:03 PM IST
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PATNA : इस बिहारी बॉलीवुड एक्टर के अभिनय के सभी कायल हैं। फिल्मों में अपनी भाव-भंगिमा और डॉयल़ग डिलीवरी से ये दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। एक्टर पंकज त्रिपाठी अपने किरदार और अभिनय के साथ कोई न कोई एक्सपेरिमेंट करते ही रहते हैं। इस वक्त सभी सेलेब्स अपने- अपने घरों में क्वॉरंटीन हैं और इसलिए पंकज अपने अंदर के राइटर को बाहर निकाल रहे हैं। अचानक से कोरोना वायरस के चलते काम से इतने दिनों का ब्रेक मिला तो काफी दिनों से घर पर बोर हो रहे थे इसलिए उन्होंने समय बिताने के लिए कुछ लिखना ही सही समझा।
लॉकडाउन में घर में बंद पंकज त्रिपाठी इन दिनों राइटिंग कर रहे हैं। वे अपनों विचारों को शब्दों में पिरो रहे हैं। पंकज ने अपने राइटिंग स्किल्स के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि एक्टर्स के अंदर एक छिपा हुआ राइटर होता है, उन प्रोजेक्ट्स में भी वो लिखते हैं जिसमें वो अभिनय कर रहे होते हैं। एक एक्टर होने के नाते हम ऑडियंस को वही दिखाते हैं जो कोई स्क्रिप्ट राइटर अपनी लेखनी से पर्दे पर दिखाना चाहते हैं।राइंटिंग मेरे अंदर की एक छिपी हुई कला है और मैं इसलिए नहीं लिख रहा हूं कि इसे स्क्रिनप्ले के तौर पर पर्दे पर दिखाऊं।
बिहारी अभिनेता पंकज त्रिपाठी के जिंदगी का सफर भी फिल्मी है। संघ की पाठशाला से निकलकर छात्र राजनीति में जेल जाने के बाद अभिनेता बनने से पहले होटल में सेफ का भी काम किया। कभी जिस होटल के किचन में वे प्याज छीलते थे, अब वहां बैठकर इंटरव्यू देते हैं। पंकज पढ़ने के लिए पटना आए तो उनका मन नहीं लगा वे छात्र राजनीति करने लगे। कुछ हास्य-व्यंग्य और चुटकुले सुनाकर भीड़ इकट्ठा कर लेते थे, ताकि इसके बाद नेताजी आए और भाषण दें। तीन चार साल छात्र राजनीति करने के बाद पंकज को लगा कि आखिर कितना दिन चमचई करेंगे तो नेता बनने का ख्वाब दिल से निकाल दिया।
फिर दोस्त के कहने पर नाटक देखने गये तो पंकज की जिंदगी ने नया मोड़ लिया वे नाटकों में खूब रूचि लेने लगे। फिर खुद नाटकों में भाग लेने लगे। लेकिन नाटकों से पेट तो भरता नहीं था तो पटना में रहने के दौरान होटल मौर्या में किचन सुपरवाइजर की नौकरी की। लेकिन ई बार थियेटर करने को लेकर मैनेजर से डांट भी पड़ी। बावजूद इसके पंकज अभियन से जुड़े रहे और आज इस मकाम तक सफर तय किया ।