BIG BREAKING: गया से सर्वजीत होंगे RJD कैंडिडेट, लालू - तेजस्वी ने दी हरी झंडी

BIG BREAKING: गया से सर्वजीत होंगे RJD कैंडिडेट, लालू - तेजस्वी ने दी हरी झंडी

PATNA :  I.N.D.I.A गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है। लेकिन, लालू प्रसाद एक-एक कर अपने प्रत्याशियों को हरी झंडी दिखा रहे हैं। बुधवार को आरजेडी संसदीय बोर्ड की बैठक में लालू प्रसाद को आरजेडी में टिकट बंटवारे और महागठबंधन की पार्टियों से सीट फाइनल करने के लिए अधिकृत किया गया। उसके बाद लालू यादव ने सबसे पहले गया सीट को लेकर उम्मीदवार फाइनल किए हैं। इस सीट से बिहार सरकार के पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत को मैदान में उतारा गया है। 


दरअसल, बिहार के अंदर लोकसभा को लेकर पहले चरण में 4 सीटों पर चुनाव होना है, जिसमें एक सीट गया लोकसभा भी शामिल है। ऐसे में इस सीट को लेकर जल्द से जल्द कैंडिडेट तय किया जाना था, ऐसे में अब महागठबंधन में यह सीट राजद के खाते में गई है और इस सीट से लालू यादव और तेजस्वी यादव ने कुमार सर्वजीत को अपना कैंडिडेट बनाया है।  इनको खुद राजद सुप्रीमों लालू यादव और बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने सिंबल प्रदान किया है। इसके बाद यह तय हो गया है कि गया से आरजेडी के उम्मीदवार पूर्व कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत होंगे। कुमार सर्वजीत पासवान जाति से हैं।


मालूम हो कि,  कुमार सर्वजीत को सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद कृषि मंत्री बनाया गया था। वे पढ़े-लिखे नेता हैं। वहीं एनडीए खेमे से गया सीट से संभावित उम्मीदवार जीतन राम मांझी हैं। यह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और मुखर नेता हैं। उनके बेटे बिहार सरकार में मंत्री हैं। सर्वजीत अभी बोधगया से विधायक हैं।


आपको बताते चलें कि, कुमार सर्वजीत का राजनीतिक कैरियर 2005 में गया जिले के मदार, डुमरिया के पास इनके पिता की हत्या के बाद शुरू हुआ है।सर्वजीत ने अपने पिता की हत्या के बाद रिएक्शन को लेकर राजनीति में प्रवेश किया और 2009 में 14वीं बिहार विधान सभा में बोधगया प्रतिनिधि के रूप में चुने गए ।


इसके साथ ही सर्वजीत को प्रचार रणनीतियों को आधुनिक बनाने और अपनी पार्टी के लिए डिजिटल आउटरीच शुरू करने का श्रेय दिया गया। उन्हें 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में और फिर 2020 में महागठबंधन के सदस्य के रूप में चुना गया था  63 वर्षों में ऐसा करने वाले पहले बोधगया प्रतिनिधि थे। वह 17वीं बिहार विधानसभा में विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने जाने वाले पहले बोधगया  प्रतिनिधि भी थे ।