भ्रष्टाचारी एकता मिशन में लगे हैं नीतीश कुमार: दम है तो केजरीवाल की डिमांड को पूरा करा दें

भ्रष्टाचारी एकता मिशन में लगे हैं नीतीश कुमार: दम है तो केजरीवाल की डिमांड को पूरा करा दें

PATNA: BJP सांसद औऱ पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से नीतीश कुमार की मुलाकात पर तीखा हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार राष्ट्रीय भ्रष्टाचारी एकता मिशन में लगे हैं. नीतीश ने भ्रष्टाचार को गले लगा लिया है तभी वे भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अफसरों को प्रताड़ित करने वाले अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने दिल्ली पहुँच गए. अब अरविंद केजरीवाल ने नीतीश से कहा है कि वह राज्यसभा में बिल पारित नहीं होने दें. नीतीश में ताकत हैं तो केजरीवाल की डिमांड पूरी कर दें. 


सुशील मोदी ने कहा कि केजरीवाल के दो मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं. दिल्ली सरकार के आधे दर्जन से ज्यादा अफसरों ने लिखित शिकायत की है कि भ्रष्टाचार के मामले उजागर करने के कारण उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. ऐसे में दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए राष्ट्रीय राजधानी प्रशासनिक सेवा प्राधिकरण  गठित करने के लिए अध्यादेश लाना पूरी तरह संवैधानिक कदम है.


सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार जब अरविंद केजरीवाल से मिलने गये तो केजरीवाल ने उनसे कहा कि वे देश भर के विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर इस बिल को राज्यसभा में पारित नहीं होने दें. नीतीश कुमार ऐसा करके दिखा दें. इतनी ताकत उन्हें नहीं है. एक भ्रष्टाचार-पोषक मुख्यमंत्री की मनमानी से ईमानदार अफसरों को बचाने वाला अध्यादेश कानून भी बनेगा और जदयू-कांग्रेस के मित्र इसे राज्यसभा में पारित होने से नहीं रोक पायेंगे.


सुशील मोदी ने कहा कि किसी पूर्ण राज्य की निर्वाचित सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग का जैसा पूर्ण अधिकार होता है, वैसा ही अधिकार केंद्रशासित दिल्ली की सरकार को देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी मिलने से पहले ही केजरीवाल ने जो मनमानी शुरू कर दी थी, उसे देखते हुए एक अध्यादेश लाना आवश्यक हो गया था. उन्होंने कहा कि संविधान में राष्ट्रीय राजधानी की विशेष स्थिति का ध्यान रखते हुए दिल्ली को केंद्र शासित बनाया गया , जो सीधे राष्ट्रपति से शासित होता है। 


सुशील मोदी ने कहा कि दुनिया में वाशिंगटन डीसी, ओटावा, पेरिस और बर्लिन जैसी बड़ी राजधानियां भी दिल्ली की तरह केंद्रशासित हैं. दिल्ली में संसद, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन और विदेशी दूतावास होने  की वजह से ही इसे पूर्ण राज्य नहीं बनाया गया है.