PATNA : बिहार के अंदर 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर हर दिन शराब से लोगों की जान जा रही है। ऐसे में आज शराबबंदी को लेकर बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र में विपक्ष के विधायक के तरफ से सवाल उठाया गया। उसके बाद विपक्ष के विधायक ने पूरक सवाल पूछने को कहा गया और उन्होंने अपना सवाल पूछा। उन्होंने यह कहा कि शराब से जो मौत हो रही है उनके परिजनों के लिए सरकार क्या कतर रही है और शराब कारोबारियों को लेकर क्या योजना बना रही है ?
वहीं, विपक्षी विधायक के सवाल पर सरकार ने जवाब दिया कि पहले तो हम माननीय सदस्य ने कहा कि हजारों- हजार लोगों की शराब से मौत हो रही है तो उन्हें मैं बताना चाहूंगा कि 2016 से लेकर अब तक 156 मौत हुई है। सदस्य को मैं बताना चाहता हूं कि जो शराब बेचकर या ताड़ी बेच करके अपनी जिंदगी बसर करते थे जो गरीब लोग थे उनको हमने ग्रामीण विकास विभाग के तहत जीविका के माध्यम से रोजगार का अवसर प्रदान किया ह। ।
सरकार ने कहा लगभग डेढ़ लाख के आसपास लोगों को हमने चयनित किया है जो लोग शराब बेचकर अपना घर चलते थे आज उन लोगों को हमने रोजगार दिया है। इसको लेकर हमने उन्हें दो-दो लाख रुपए भी दिए हैं। इसके अलावा शराब कारोबारियों को पकड़ने के लिए ड्रोन से निगरानी किया जा रहा है और पुलिस टीम भी अपना काम कर रही है
इसके अलावा शराबबंदी में भी शराब बिक्री को लेकर बिहार सरकार के मंत्री ने कहा कि जो लोग आदत से मजबूर हैं और अभी भी शराब बेच रहे हैं जो लोग कानून की जानकारी रखते हुए भी कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं उनको भी चिन्हित कर कर हमने उन्हें जेल में भेजने का काम किया। उनकी संपत्तियों को भी नीलाम किया गया। सरकार की सोच बिल्कुल साफ है कि शराबबंदी जारी रहेगी इसमें कहीं कोई बदलाव नहीं होने वाला है।
इधर सरकार ने उल्टा विपक्ष पर ही सवाल उठा दिया कि इन लोगों ने भी यह शपथ लिया था कि कोई भी शराब बेचने वाले की जानकारी इन्हें मिलेगी तो उसकी जानकारी यह सरकार को देखेंगे लेकिन अब तक इन्होंने किसी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इसके बाद नेता विपक्ष तेजस्वी यादव सदन में खड़ा हुए और कहा कि आपने जो डाटा दिया है वह सिर्फ 3 जिलों का है। क्या यह सच नहीं है कि इस कानून के तहत केवल गरीब लोगो पर एक्शन हो रहा है? बड़े ट्रक और कारोबारी पर क्या कोई एक्शन हुआ है ? मुझे तो लगता है कि इसमें किसी बड़े लोगों कि मिलीभगत है।सीएम साहब इसको लेकर समीक्षा करते हैं अच्छी बात है, लेकिन कभी इन बातों को लेकर समीक्षा हुई है क्या ?
गौरतलब हो कि यह पूरा मामला सोनपुर के विधायक रामनुज प्रसाद के तरफ से लाया गया था उन्होंने सरकार से सवाल किया था कि हिन्दी दैनिक समाचार-पत्र में दिनांक 24 सितम्बर, 2024 को प्रकाशित शीर्षक "जहरीली शराब से अबतक 156 मौत, सारण में सर्वाधिक 75 की गई जान" के आलोक में क्या मंत्री, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, यह बतलाने की कृपा करेंगे कि क्या यह बात सही है कि वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से अबतक प्रदेश में जहरीली शराब पीने से 156 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि राज्य सरकार द्वारा की गई है, जिसमें से सर्वाधिक 75 मौतें सारण, पूर्वी चम्पारण में 55 तथा गोपालगंज में 33 मौतें हुई है, यदि हाँ, तो इतनी बड़ी संख्या में हुई मौत के बावजूद राज्य में शराबबंदी का क्या औचित्य है ?
विपक्ष के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि जहरीली शराब से 156 मौतें हुई हैं। इसके बाद तेजस्वी यादव खड़े हुए उन्होंने कहा कि 156 मौतें तो 3 महीने में हुई हैं। बिहार में हर ब्रांड की शराब मिल रही है। पुलिस वाले ट्रकों को मंजिल तक पहुंचा रहे हैं। गरीब लोगों पर कार्रवाई हो रही है। बड़े लोगों को छोड़ दिया जाता है। सरकार ने सदन के अंदर कहा कि 2016 से अब तक बिहार में 156 लोगों की शराब से मौत हुई है। 1998 से 2015 तक बिहार में 108 लोगों को मौत हुई थी।