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SUPAUL : सुपौल में बेटी लॉकडाउन के बीच देहरादून से सुपौल पहुंच कर पिता का अंतिम संस्कार किया और अब वो पूरा कर्मकांड निभा रही है। देहरादून में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही योग्यता डीएम से परमिशन लेकर लॉकडाउन के बीच घर पहुंची।
सुपौल के रहने वाले समाजसेवी अश्विनी कुमार सिन्हा के निधन के बाद उनकी पुत्री योग्यता ने पिता को मुखाग्नि दी और वे अब सारा कर्मकांड निभा रही हैं। उत्तराखंड के देहरादून में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही योग्यता को पिता के निधन की खबर मिली तो जैसे उसके पैरों तले जमीन खिसक गयी। योग्यता ने घर जाने के लिए वहां के डीएम से गुहार लगायी तो उन्हें परमिशन मिल गयी। योग्यता हिम्मत बांध कर हजारों किलोमीटर दूर से अपने घर पहुंची। उसके बाद पिता का अंतिम संस्कार किया।
तीन बहनों में योग्यता सबसे बड़ी है। 17 अप्रैल को पिता के निधन के बाद उनका घर आना जरूरी था। देहरादून के डीएम से गुहार लगाने के बाद उन्होंने गाड़ी और गार्ड की व्यवस्था कर दी गयी। 18 अप्रैल की देर रात दो बजे वह घर पहुंची और 19 अप्रैल को अंतिम संस्कार हुआ। योग्यता के इस कदम की सभी सराहना कर रहे हैं।योग्यता बोली पापा का सपना पूरा करने की अब मेरी जिम्मेवारी बढ़ गयी है। पापा चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं। मेरा फाइनल इयर चल रहा है। सबसे पहले मैं उनके सपने को पूरा करुंगी।