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1st Bihar Published by: Jitendra Kumar Updated Mon, 20 Apr 2020 09:55:00 AM IST
BEGUSARAI: बेगूसराय में लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश प्रसाद गुप्ता की पिटाई का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस संबंध में पीड़ित आरटीआई कार्यकर्ता 75 वर्षीय गिरीश प्रसाद गुप्ता ने सीएम से लेकर डीएम तक से न्याय की गुहार लगायी है। वहीं पुलिस ने उनके सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
अपनी आपबीती सुनाते हुए गिरीश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि मैं अपने घर में बैठा हुआ था उसी दौरान एसडीओ डॉ निशांत कुमार, बीडीओ परमानंद पंडित, अंचल अधिकारी आदित्य विक्रम और पशुपालन अधिकारी ललन कुमार घर से बुलाकर बोलने लगे तुम बहुत मेरे खिलाफ लिखते हो और भद्दी भद्दी गालियां देना शुरू कर दिया और उसके बाद जब हम विरोध किए तो घर पर पिटाई करना शुरू कर दी बचाने के लिए मेरी पत्नी और बेटा आया तो उसके साथ भी मारपीट करने लगे। फिर वहां से गाड़ी में जैसे-तैसे बैठा कर थाना ले गए। थाने के पीछे ले जाकर बेरहमी से लाठी-डंडे से पिटाई कर दी। बार-बार वह यहीं कहते रहे कि बहुत तुम मेरे खिलाफ लिखते हो आज तुमको बताते हैं क्या होता है लिखना।
गिरीश कुमार गुप्ता ने यह भी बताया कि हम 2006 से ही आरटीआई के माध्यम से भ्रष्टाचार से संबंधित सैकड़ों मामलों को उजागर किया है। इस दौरान तेघड़ा अंचल कार्यालय से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक के कई मामलों की बखिया उधेड़ी गई है तथा कई मामला चल रहा है। स्थानीय प्रशासन की मनमानी और भ्रष्टाचार को उजागर करते रहे हैं। जिससे आक्रोशित होकर लॉकडाउन की आड़ में अधिकारियों ने अपनी मौजूदगी में अपने बॉडीगार्ड को उन्हें पीटने का आदेश दिया।इसके बाद उनके शरीर पर डंडे भी बरसाये गए तथा कई जगह गंभीर चोटें आई है।
उन्होनें बताया कि लॉकडाउन के बहाने तेघड़ा एसडीओ डॉ. निशांत, बीडीओ परमानंद पंडित, अंचल अधिकारी आदित्य विक्रम एवं पशुपालन अधिकारी ललन कुमार ने सुनियोजित साजिश के तहत फुलवरिया थाना के सहयोग से 15 अप्रैल की रात करीब आठ बजे उन्हें घर से जबरन उठा लिया और थाना पर ले जाकर मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया तथा बेरहमी से लाठी डंडे पिटाई करने के बाद रात करीब दस बजे पीआर बांड पर छोड़ा गया। जबकि मैं किडनी की बीमारी से गिरफ्तार ग्रस्त हूं तथा लॉकडाउन में घर के अंदर रखकर सरकारी दिशा निर्देश का पालन कर रहा हूं। इसके बावजूद अधिकारियों ने सुनियोजित षड्यंत्र के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई और अपने बॉडीगार्ड के हाथों जमकर पिटाई कराया है। घटना की उच्च स्तरीय जांच हो तो मामले का खुलासा हो जाएगा। गिरीश प्रसाद गुप्ता ने बिहार के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, डीजीपी, डीएम और एसपी को आवेदन देकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए त्राहिमाम संदेश भेजा है।
इधर डीएसपी हेडक्वार्टर कुंदन कुमार ने मारपीट का आरोप निराधार बताते हुए कहा है कि जब वह बाहर घूम रहे थे उसके बाद उनको कहा लॉकडाउन है आप बाहर क्यों घूम रहे हैं तो अधिकारियों के साथ ही उलझ गए उसके बाद उस व्यक्ति को लॉकडाउन के उल्लंघन मामले में इन्हें गिरफ्तार कर थाना पर लाया फिर बाद में पीआर बांड पर मुक्त कर दिया गया। डीएसपी हेड क्वार्टर कुंदन कुमार ने साफतौर से कहा उनके साथ कोई मारपीट नहीं की गई।क्यों 75 साल के वृद्ध व्यक्ति से कोई अधिकारी मारपीट करेगा। बरहाल जो भी हो अगर पुलिस के द्वारा एक 75 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति की जिस तरीका से पिटाई की गई है वह कहीं ना कहीं पुलिस पर एक बार फिर से बड़ा सवालिया निशान खड़ा होते नजर आ रहा है।