DESK : पश्चिम बंगाल में पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमला हुआ था और अब जांच करने पहुंची राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों की एक टीम पर हमले की खबर आ रही है। यह टीम भूपतिनगर में हुए ब्लास्ट के संबंध में जांच करने पहुंची थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कथित तौर पर एनआईए टीम को आरोपी व्यक्ति को अपने साथ ले जाने से रोकने की कोशिश की थी। इसी दौरान उनपर हमला कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, भूपतिनगर ब्लास्ट की जांच के बारे में जानने के लिए एनआईए की टीम ने गांव से एक शख्स को गिरफ्तार किया। उस शख्स को पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा था। उस वक्त कई लोगों ने एनआईए जांचकर्ताओं को घेर लिया और उस शख्स को रिहा करने की मांग की। एनआईए की टीम पर कथित तौर पर ईंट-पत्थर फेंके गए। इससे एनआईए के दो अधिकारी घायल हो गये।
वहीं, हमलावरों के पथराव से एनआईए की कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। एनआईए की टीम के साथ केंद्रीय पुलिस बल के जवान भी थे। बाद में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। हमले के बाद एनआईए अधिकारी स्थानीय पुलिस स्टेशन गए। दिसंबर, 2022 में भूपतिनगर में विस्फोट से दहल उठा था। तृणमूल कांग्रेस के बूथ अध्यक्ष राजकुमार मन्ना, उनके भाई देवकुमार मन्ना और विश्वजीत गायेन पर अवैध सट्टेबाजी का आरोप लगा था। घटना की जांच एनआईए कर रही है।
भूपतिनगर जांच के सिलसिले में एनआईए ने एक सप्ताह पहले तृणमूल कांग्रेस के आठ नेताओं को तलब किया था। पता चला है कि नवकुमार पांडा, मिलन बार, सुबीर मैती, अरुण मैती उर्फ उत्तम मैती, शिवप्रसाद गायेन, बलाइचरण मैती, अनुब्रत जाना और मानवकुमार बरुआ को पेश होने का आदेश दिया गया था। इससे पहले इन आठ लोगों को नोटिस भी भेजा गया था, लेकिन उन्होंने उस नोटिस का जवाब नहीं दिया। एक सप्ताह पहले दूसरी बार नोटिस भेजा गया था। टीएमसी के नेताओं ने उसकी भी अवहेलना की।