PATNA : लोकसभा चुनाव के बीच पीएम मोदी दो दिनों तक बिहार में ही प्रवास करने वाले हैं। ऐसे में पीएम के इस दौरे को लेकर राजनीति गर्म है। इसकी वजह यह है कि पीएम का यह दौरा राजनीतिक रूप से खास तो है ही, इसके साथ ही यह व्यक्तिगत रूप से भी खास है। इसकी वजह यह है कि बिहार आने के बाद पीएम मोदी का मुख्य फोकस राजद और पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर रहने वाला है।
मगध क्षेत्र पर PM मोदी की नजर
दरअसल, इतिहास में यह पहली दफा है कि देश के किसी भी प्रधानमंत्री का पटना में रोड शो होगा। कहने को तो यह रोड शो पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में होगा, लेकिन इसका मात्र एक सीट पर नहीं बल्कि पूरे मगध पर साफ तौर पर देखने को मिलेगा। मगध क्षेत्र में जहानाबाद और पाटलिपुत्र का चुनाव होना बाकी है। ऐसे में प्रधानमंत्री इन दोनों सीटों को अपने रोड शो के माध्यम से प्रभावित करेंगे।
सोच-समझ कर बदला रोड शो का रूट
जानकारी हो कि भले ही प्रधानमंत्री पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में यह रोड शो कर रहे हों। लेकिन पीएम जिस जगह से अपने इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे, उससे कुछ ही दूरी पर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र भी है और यहां से लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनाव लड़ रही हैं। यह रोड शो इस पूरे क्षेत्र को प्रभावित करेगा। पटना शहर का आधा हिस्सा पटना साहिब में है और आधा हिस्सा पाटलिपुत्र इलाके में है तो ऐसे में प्रधानमंत्री का यह रोड शो लालू यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के लिए खास होगा। यही वजह है कि पीएम मोदी के रोड शो को इनकम टैक्स के बदले बेली रोड से ही शुरू किया जा रहा है।
लालू लड़ रहे राजनीतिक सर्वाइवल की लड़ाई
इसके बाद 13 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाजीपुर, मुजफ्फरपुर और छपरा में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस दिन भी नरेंद्र मोदी लालू यादव को टार्गेट करेंगे। वजह साफ है कि छपरा से लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव लड़ रही हैं और इन्होंने अपने चुनाव प्रचार के माध्यम से छपरा लोकसभा क्षेत्र में गहरी पैठ बना ली है। ऐसे में उनकी मजबूत दावेदारी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनसभा करना पड़ रहा है। जबकि ऐसी चर्चा है कि रोहिणी आचार्य के बहाने लालू यादव अपनी राजनीतिक सर्वाइवल की लड़ाई लड़ रहे हैं। तभी तो अस्वस्थ रहने के बाद भी नामांकन में पहुंचे और वहां डेरा डाला। ऐसे में पीएम मोदी की यह जनसभा एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
BJP में है टेंशन
वहीं, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि बिहार पीएम मोदी के लिए यह एक बड़ा कंसर्न है। हिंदी पट्टी का इलाका होने के कारण यहां से उन्होंने पिछली बार 39 सीटें जीती थी। लेकिन इस बार भाजपा को इस बात का भय है कि पिछले बार की तुलना में उनकी सीटें घट सकती हैं। जिस ढंग से वोटिंग का प्रतिशत घटा है, उसके जरिए बीजेपी नेताओं को संकेत मिल रहे हैं कि यह मोदी हित में नहीं जा रहा है।अब इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए नरेंद्र मोदी को रात में यहां कैंप करना पड़ रहा है।
लालू की अंतिम कोशिश
उधर, बिहार में भाजपा नेताओं को जिस बात का भय है, उस भय को दूर करने के लिए नरेंद्र मोदी अपना सबकुछ दांव पर लगा रहे हैं। क्योंकि कहा यह भी जा रहा है कि लालू यादव इस चुनाव को निजी रूप से लड़ रहे हैं। लालू बेटा-बेटी के राजनीतिक भविष्य को मजबूत और सुरक्षित करना चाहते हैं और यह उनकी अंतिम कोशिश है।