बड़ा फैसला : कैट की तर्ज पर बिहार में राज्य कर्मियों से जुड़े मामलों के लिए बैट का होगा गठन

बड़ा फैसला : कैट की तर्ज पर बिहार में राज्य कर्मियों से जुड़े मामलों के लिए बैट का होगा गठन

PATNA : बिहार में राज्य कर्मियों से जुड़े कानूनी मामलों का दबाव न्यायालय पर अधिक बढ़ता जा रहा है, इसे देखते हुए अब राज्य कर्मियों के लिए पालक से बिहार प्रशासनिक न्यायाधिकरण के गठन की तैयारी शुरू हो गई है। साढ़े तीन दशक बाद बिहार में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी कैट की तर्ज पर बिहार प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी बैट का गठन किया जाएगा। बैट का गठन एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्युनल एक्ट 1985 के तहत किया जा रहा है। यहां राज्य सरकार के कर्मचारियों से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी। इससे पहले साल 1988 में न्यायाधिकरण का गठन हुआ था लेकिन इसका अस्तित्व 1990 में खत्म हो गया था। एक बार फिर से इसके गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसके गठन के बाद राज्य सरकार के करीब चार लाख कर्मचारियों को अब अपनी सेवा से जुड़ी शिकायतों के निपटारे के लिए हाईकोर्ट नहीं जाना पड़ेगा। 



बिहार में बैट गठन से हाईकोर्ट पर से भी मुकदमों का दबाव कम होगा। नीतीश कैबिनेट ने बैट के गठन का फैसला 2020 में ही लिया था लेकिन दो साल मामला लटक गया। इसके पीछे कोरोना को वजह माना गया। अब एकबार फिर से प्रक्रिया तेज हुई है। राज्य सरकार ने बैट अध्यक्ष और दो सदस्यों समेत 27 पदों का सृजन कर दिया है। उनके वेतन भत्ते के लिए 3.86 करोड़ रुपए की भी मंजूरी दे दी है। अभी राज्य सरकार के कर्मचारियों को अपनी सेवा संबंधी मामलों के लिए सीधे हाईकोर्ट जाना पड़ता है। 



बिहार में इस न्यायाधिकरण के गठन के बाद यहीं राज्य कर्मियों मुकदमे सुने जाएंगे और उनका निपटारा होगा। बिहार प्रशासनिक न्यायाधिकरण के चेयरमैन हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज होंगे। रजिस्ट्रार के पद पर न्यायिक सेवा के अधिकारियों से नियुक्ति की जाएगी 2 सदस्यों में से एक न्यायिक सेवा के अधिकारी और दूसरा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होंगे।