DESK : लोकसभा चुनाव को लेकर तारीखों के एलान होने के बाद भी कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब एक बार फिर देश की सबसे पुरानी पार्टी को आयकर विभाग ने नोटिस थमाया है। अबतक आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी को 3567 करोड़ का नोटिस थमा दिया है। शुक्रवार तक यह राशि 1823 करोड़ रुपये थे। इसके बाद कांग्रेस को शनिवार को तीन और नोटिस मिले और उसमें यह राशि बढ़ गई।
आयकर विभाग ने साल 2014-15 में 663.05 करोड़ रुपये, 2015-16 में 663.89 करोड़ रुपये और 2016-17 में 417.31 करोड़ रुपये को नोटिस थमाया है। कांग्रेस ने 2023 के अंत तक अपनी घोषणा संपत्ति करीब 1385 करोड़ रुपये बताया था। वहीं, कांग्रेस ने आयकर विभाग द्वारा जारी 135 करोड़ रुपये की वसूली नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले को 2016 में दायर एक विशेष अनुमति याचिका के साथ जोड़ने की मांग की है।
वहीँ, इस पूरे मामले पर कांग्रेस सांसद और वकील विवेक तन्खा ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट में दायर पहले की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में मूल मांग लगभग 26 करोड़ रुपये थी, जिसे घटाकर 11-12 करोड़ रुपये कर दिया गया था। अब वहीं राशि ब्याज जोड़ने के बाद 50 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है। यह पागलपन की पराकाष्ठा है। पिछले तीन दिनों में कांग्रेस से 3,567.3 करोड़ रुपये के भारी कर की मांग की गई है। यह हाल ही में कांग्रेस के बैंक खातों से बरामद किए गए 135 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है। भाजपा को चुनिंदा अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहिए और उनका अभिनंदन करना चाहिए।"
उधर, भाजपा ने आयकर मामले में कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन को सीनाजोरी करार दिया। साथ ही कहा कि कांग्रेस ने देश की संवैधानिक संस्थाओं को हमेशा अपनी जागीर समझा है। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस नियमों एवं कानूनों के अनुपालन को अपना अपमान मानती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक तो नियमों का पालन नहीं करती और जब एजेंसियां इसके लिए नोटिस देती हैं तो उसे अनदेखा करती है। जब कार्रवाई होती है, तो खुद को पीड़ित साबित करने लग जाती है।