Ayush Mhatre: आयुष म्हात्रे ने पहले ही मैच में तोड़ा 18 साल पुराना रिकॉर्ड, विस्फोटक बल्लेबाजी देख फैंस बोले “इसे अब तक बचाकर क्यों रखा था” बेतिया में ग्रामीणों का इंसाफ: गांव की लड़की से छेड़खानी करने वाले 2 मनचलों को जमकर पीटा, चेहरे पर कालिख लगाकर चप्पल से पिटाई का Video Viral Lawrence Bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई गैंग में धड़ल्ले से हो रही युवाओं की भर्ती, चुनौती से निपटने के लिए पुलिस ने तैयार किया मास्टरप्लान वर्दी का ख्वाब साकार कर रहे हैं अजय सिंह, फिजिकल की तैयारी के लिए युवाओं को दे रहे हाई जम्पिंग गद्दा कर्नाटक में पूर्व DGP की हत्या, पत्नी पर लगा संगीन आरोप, बिहार के रहने वाले थे ओम प्रकाश PBKSvsRCB: पंजाब किंग्स पर जीत के साथ विराट कोहली ने तोड़ डाला धोनी का यह बड़ा रिकॉर्ड, अब रोहित शर्मा की बारी Bihar News: चुनावी साल में केंद्र सरकार ने खोला खजाना, बिहार के लिए बनाया विकास का यह मेगा प्लान; जानिए.. Bihar News: एक गलती और कई दुकानें राख में तब्दील, लाखों की संपत्ति स्वाहा, कहीं आप भी तो नहीं करते यह भूल? मुंगेर में 5 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार बनाते 3 कारीगर गिरफ्तार Bihar Crime: शराब तस्करों का पीछा करने के दौरान पुलिस की गाड़ी पलटी, 2 पुलिसकर्मी घायल, तस्कर गिरफ्तार
DELHI: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट में अब 28 अप्रैल को सुनवाई होगी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 24 अप्रैल को सुनवाई होनी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के कोरोना संक्रमित होने के कारण केस सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हो सका है। याचिकाकर्ता की तरफ से हत्याकांड की जांच के साथ साथ यूपी में साल 2017 के बाद हुए सभी एनकाउंटर की जांच की भी मांग की गई है।
दरअसल, उमेश पाल हत्याकांड में गिरफ्तार गैंगस्टर अतीक और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी। अतीक और उसके भाई को मेडिकल जांच के लिए प्रयागराज के अस्पताल में लाया गया था, जहां मीडियाकर्मी बनकर आए सनी, लवलेश और अरुण मौर्या ने ताबड़तोड़ गोली मारकर अतीक और उसके भाई की पुलिस की मौजूदगी में जान ले ली थी, बाद में पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले की जांच के लिए एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में पूर्व जज की अध्यक्षता में हत्याकांड की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग की गई है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि उत्तर प्रदेश में साल 2017 के बाद से अबतक हुए 183 एनकाउंटर की भी जांच कराई जाए। इस मामले पर आज यानी 24 अप्रैल को सुनवाई होनी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों को कोविड होने के कारण केस को रिशेड्यूल किया गया है। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 28 अप्रैल को सुनवाई करेगा।