जिस पुलिस के हाथ अनंत सिंह का ""चूहा"" भी नहीं आया उसने विवेका पहलवान के गुर्गों को कितना बड़ा ऑपरेशन कर पकड़ा... आप भी जानिए

जिस पुलिस के हाथ अनंत सिंह का ""चूहा"" भी नहीं आया उसने विवेका पहलवान के गुर्गों को कितना बड़ा ऑपरेशन कर पकड़ा... आप भी जानिए

PATNA : मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बाढ़ पुलिस इन दिनों सुर्खियों में है। अनंत सिंह के गांव लदमा स्थित पुश्तैनी घर से एके-47 बरामद करने वाली बाढ़ पुलिस ने अनंत सिंह की गिरफ्तारी के लिए क्या मशक्कत नहीं की लेकिन अनंत भी पुलिस से बचते बचाते दिल्ली के साकेत कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट में सरेंडर किया उसके बाद ही मोकामा विधायक को पटना लाया जा सका। विधायक के खासम खास लल्लू मुखिया भी पुलिस के चंगुल से बाहर था। कुख्यात भोला सिंह की हत्या की साजिश वाले वायरल ऑडियो में लल्लू मुखिया के खिलाफ मामला दर्ज था। लल्लू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने हर संभव प्रयास किए उसके घर की कुर्की जब्ती भी की लेकिन लल्लू मुखिया भी पुलिस के हाथ नहीं आया। गिरफ्तारी की बजाय लल्लू मुखिया ने बाढ़ कोर्ट में जाकर सरेंडर कर दिया। बाढ़ पुलिस के एक्शन का असर यहीं खत्म नहीं हुआ। वर्दी के ख़ौफ ने अनंत सिंह के करीबी भूषण सिंह और नामी शूटर के तौर पर चर्चित ""चूहा"" को भी कोट पहुंचकर सरेंडर करने को मजबूर कर दिया। वाह रे.. बाढ़ पुलिस, सफलता की ऐसी कहानी सबको कहां नसीब होती। वर्दी का खौफ तो ऐसा होना चाहिए कि अपराधी भले ही फरार हो लेकिन पुलिस से बचते-बचाते सीधे कोर्ट में जाकर सरेंडर कर दे। अनंत सिंह से लेकर उसके करीबी चूहा तक का कोर्ट पहुंचकर सरेंडर कर देना बाढ़ पुलिस की वीरता गाथा कह रहे हैं। पुलिस की सफलता की कहानी यहीं नहीं रुकी। अनंत सिंह के घर से तो एके-47 बरामद हुआ था, वह भी असली वाला। लेकिन प्लास्टिक का एके47 लहराने वाले विवेका पहलवान के गुर्गों की गिरफ्तारी के लिए बाढ़ पुलिस ने ऐसी बिसात बिछाई की चंदन और विक्की चाय पीते-पीते ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस का खुफिया तंत्र इतना मजबूत था कि मोकामा स्टेशन से कोलकाता की गाड़ी पकड़ने आए विक्की और चंदन को मुखबिरों ने पहचान लिया। पुलिस को तुरंत सूचना दे दी और फिर धर दबोचे गए प्लास्टिक का एके-47 लहराने वाले विवेका पहलवान के गुर्गे। अब तो यह कोई नहीं कर सकता कि नीतीश कुमार की पुलिस काम नहीं करती, अपराधी बेखौफ होकर उसे चुनौती देते हैं। यह नीतीश की ही पुलिस है जिससे भागे अपराधी बिहार नहीं दिल्ली के कोर्ट में जाकर सरेंडर कर देते हैं और जो बच जाते हैं उन्हें पुलिस चाय पीते वक़्त धर दबोचती है। तो मान लीजिए कि बिहार में सुशासन है। पुलिस अपराधियों पर नकेल कस रही है और अपराधी खाकी देखकर खौफ ज्यादा हैं।