1st Bihar Published by: Updated Sat, 19 Feb 2022 08:28:20 AM IST
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DESK : असफल शादी और तलाक को लेकर केरल हाई कोर्ट में एक बड़ा फैसला दिया है। शादी असफल होने पर कोई भी पुरुष या महिला को साथ रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता है तो यह क्रूरता माना जाना चाहिए। केरल हाई कोर्ट में तलाक के एक मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर शादी असफल हुई तो तलाक ली जा सकती है और अगर तलाक लेने से रोका जा रहा है तो इससे क्रूरता की श्रेणी में माना जाएगा।
दरअसल, केरल हाईकोर्ट में एक पति पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला जस्टिस ए मोहम्मद मुस्ताक में सुनाया। जज ने कहा कि विवाह असफल होने के बावजूद अगर कोई एक पक्ष एक दूसरे को तलाक देने से इनकार करता है तो यह क्रूरता के अलावा और कुछ भी नहीं। कोर्ट ने कहा कि शादी के रिश्ते में रह रहे दो महिला पुरुष के बीच असहमति का सिलसिला अगर जारी है और आगे सुधार की गुंजाइश नहीं है तो दोनों में से किसी एक को इस कानूनी बंधन में बने रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
दरअसल, केरल हाई कोर्ट ने यह फैसला एक पत्नी की तरफ से दायर याचिका पर सुनाई। 2015 में हुई शादी के बाद पत्नी के साथ पति के रिश्ते ठीक नहीं थे और अनबन के बावजूद पति तलाक देने से इंकार कर रहा था। पति इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम करता है जबकि पत्नी कुल्लूर में एक पोस्ट ग्रेजुएट डेंटल की छात्रा है। पत्नी ने आरोप लगाया था कि पति बार-बार झगड़ा करता है और तलाक मांगने पर भी नहीं देता। पत्नी ने तलाक से इनकार किए जाने को क्रूरता बताया था और कोर्ट ने भी इस पर सहमति जताई है।