PATNA: विदेश से बिहार को ट्रेस किया जा रहा है. लेकिन इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को पसीना छूट रहा है. क्योंकि आधे से अधिक के बारे में कुछ पता ही नहीं चल पा रहा है. एयरपोर्ट पर इनलोगों ने गलत मोबाइल नंबर दिया था. जिससे संपर्क नहीं हो रहा है. ऐसे लोगों का स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच कराना चाहता है. क्योंकि जो बिहार में कोरोना के केस आए वह अरब देशों से आए लोगों के कारण मिला है.
15 मार्च के बाद बिहार आए 3500 लोग
बिहार के कई जिलों के लोग अरब के देशों में काम करने के लिए जाते हैं. इसके अलावे कुछ दूसरे देशों से भी लोग आए. ऐसे लोग 15 मार्च के बाद बिहार 3500 लोग आए. स्वास्थ्य विभाग की टीम 1650 का पता तो मिल गए, लेकिन बाकी लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. पटना के 711, सीवान के 352, गोपालगंज के 275 और दरभंगा के 158 लोगों को अभी ट्रैकिंग नहीं हुई है. जिन 1650 लोगों की दोबारा से जांच हुई है उनमें से 7 लोग कोरोना पॉजिटव मिले हैं. सरकार ने सभी को खोजकर दोबारा से जांच करवाने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया है.
कोरोना के खतरे को देखते हुए दोबारा जांच का लिया गया फैसला
बिहार में कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को लेकर विदेश से आए लोगों की दोबारा जांच करने का सरकार ने फैसला लिया है. पॉजिटिव मरीजों के बारे में पता चला है कि सारे पॉजिटिव के ट्रेवल हिस्ट्री रहा हैं. अधिकांश अरब देशों से आएं हैं. बाकी लोग इसके संपर्क में आने के कारण हुए हैं. इसलिए सरकार ने विदेश से आए लोगों की दोबारा जांच और क्वॉरेंटाइन करने का फैसला लिया है. बता दें कि बिहार में सबसे पहले कोरोना के कारण जिस युवक की मौत हुई थी वह कतर में काम करता था. उसके संपर्क में आए 12 लोग कोरोना के पॉजिटिव हुए हैं. इसके अलावे हजारों लोगों को क्वॉरेंटाइ किया गया है.