आरा SDO ने सरकार के खिलाफ जाकर किया बड़ा खेल, VIP ट्रीटमेंट में कई लोगों को जारी किया कोटा का पास

आरा SDO ने सरकार के खिलाफ जाकर किया बड़ा खेल, VIP ट्रीटमेंट में कई लोगों को जारी किया कोटा का पास

PATNA : कोरोना संकट की महामारी के बीच सरकार के नुमाइंदे नाक कटाने पर तुले हुए हैं. नवादा सदर SDO के आलावा कई जिलों में कोटा में फंसे छात्रों को लेकर VIP ट्रीटमेंट की बातें सामने आ रही हैं. ऐसा ही एक बड़ा खेल आरा के सदर अनुमंडल पदाधिकारी अरुण प्रकाश ने भी किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की ओर से लॉक डाउन-2 में किये गए सख्त अपील के बावजूद भी अपनी सरकार को ठेंगा दिखाया है. SDO अरुण प्रकाश की ओर से कोटा ही नहीं झारखंड के लिए भी VIP पास करीबियों को देने का आरोप है.


आरा एसडीओ ने जारी किये कई पास
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकारों को भी अपने इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन को सख्ती के साथ लागू करने का निर्देश दिया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार में वीआईपी ट्रीटमेंट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. नवादा में हिसुआ विधायक को कोटा से बेटी को लाने के लिए पास जारी करने के आरोप में सरकार ने नवादा एसडीओ अनु कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. लेकिन अब आरा के अधिकारी से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है. दरअसल सोशल मीडिया पर मात्र एक पास वायरल होने के बाद उनकी ओर से सफाई में ये पत्र ही झूठा बताया गया था. लेकिन अब एक नहीं, दो नहीं बल्कि 4-5 पत्र सामने आये हैं. दावा किया जा रहा है कि यह सभी लोग आरा सदर अनुमंडल पदाधिकारी के परमिशन पर भोजपुर ही नहीं बिहार से बाहर कोटा (राजस्थान) और धनबाद (झारखंड) गए थे. 


कोटा से लाने के लिए दिए गए पास
सोशल मीडिया पर जो पत्र सामने आये हैं, उसमें एक पत्र में यह लिखा हुआ है कि कतीरा इलाके में जय प्रकाश नगर के रहने वाले अमरेंद्र कुमार सिंह के बड़े भाई का बेटा कोटा में पढ़ता है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे बिहार में 14 अप्रैल (पत्र में लिखी हुई पुरानी तारीख) तक लॉक डाउन किया गया है. जसिके कारण वहां (कोटा में) खाने-पीने की दिक्कत हो रही है. विशेष परिस्थिति में 14 अप्रैल को अमरेंद्र कुमार सिंह के निजी गाड़ी से जाने और कोटा से आने की अनुमति कुछ शर्तों के आधार पर दी जाती है. 


यहां देखिये जाने वालों की लिस्ट
ऐसे ही कई पत्र मीडिया के सामने आये हैं. जिसमें भोजपुर के एमडीएम पदाधिकारी अखिलेश कुमार को उनकी बहु को लाने के लिए धनबाद केंद्रीय विद्यालय से लाने का पास लॉक डाउन-2 में पास जारी किया गया है. गाड़ी संख्या BR 03 PA 6339 के लिए पास जारी किया गया. इसके साथ ही आरा रेलवे स्टेशन के आरक्षण पर्यवेक्षक राजेश कुमार सिंह को उनके बेटे को कोटा से लाने के लिए 16 अप्रैल को लॉक डाउन-2 में पास जारी किया गया है. गाड़ी संख्या BR 035 3937 के लिए पास जारी किया गया है. इसके साथ ही एक और पत्र आरा न्यू पकड़ी मोहल्ले के रहने वाले राजेश कुमार तिवारी की पत्नी रिंकी कुमारी को जारी किया गया है. इनको भी अपनी बेटी को कोटा से लाने के लिए 16 अप्रैल को लॉक डाउन-2 में पास जारी किया गया है. गाड़ी संख्या BR 03 PA 0555 के लिए पास जारी किया गया है.


अधिकारियों ने साधी चुप्पी
इन तमाम वाहन पास को निर्गत करने को लेकर आरा के सदर एसडीओ अरुण प्रकाश सवालों की परिधि में खड़े होते हैं. इससे पहले सिर्फ एक पास सामने आने पर उन्होंने झूठ करार दिया था. इस खरब को सबसे पहले फर्स्ट बिहार झारखंड ने प्रकाशित किया था. जिसमें आरा एसडीओ ने पत्र का खंडन करते हुए केस करने की बात कही थी. लेकिन अब एक साथ इतने पत्र सामने आने के बाद वो मीडिया के सामने आने से मुकर रहे हैं. इस खबर को प्रकाशित करने से पहले कई बार एसडीएम और डीएम से बातचीत करने की कोशिश की गई. लेकिन उनकी ओर से फोन पर या मैसेज या व्हाट्सएप्प पर कोई जवाब नहीं आया. बीती रात डीएम की ओर से दिए गए बयान और एसडीओ की सफाई को इस खबर के साथ नीचे लिखा गया है. इन पत्रों के बारे में क्या सच्चाई है. यह जांच का विषय है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि यह पत्र बिलकुल सही हैं. फर्स्ट बिहार की टीम के साथ उनलोगों की भी बातचीत हुई है, जो अपने बच्चों और परिवार को लाने के लिए भोजपुर से कोटा और झारखंड गए थे. जिले में कई लोग अब कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, क्योंकि कहा जा रहा है कि डीएम के पीठ पीछे यह पत्र जारी किये गए हैं. क्योंकि डीएम ने भी पास देने से इनकार किया था.


एसडीओ ने एक पत्र को बताया था झूठा
इस आरोप को लेकर फर्स्ट बिहार की टीम के साथ आरा एसडीओ की बातचीत हुई. सदर एसडीओ अरुण प्रकाश ने पत्र को फर्जी बताते हुए कहा कि मेरे द्वारा एक भी पास निर्गत नहीं किया गया है. साजिश के तहत गलत पत्र को वायरल किया जा रहा है. जिसने यह किया है, उसके ऊपर मैं नवादा थाना में प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने जा रहा हूं. जिस व्यक्ति ने इसे वायरल किया है, उसे साइबर सेल के तहत पकड़कर कार्रवाई की जाएगी. मेरे हस्ताक्षर से कोई टेम्परिंग कर के पत्र को वायरल कर रहा है. इस तरह का कोई भी पास मेरे द्वारा निर्गत नहीं किया गया है.



डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा -
एसडीओ अरुण प्रकाश ने आगे कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इस विषय में बातचीत हुई है. मैं कानूनी कार्रवाई करने जा रहा हूं. इस मामले में फर्स्ट बिहार की टीम ने जब डीएम रोशन कुशवाहा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि इस पत्र को जारी करने को लेकर एसडीओ ने इनकार किया है. उनकी ओर से जल्द ही आधिकारिक रूप से मामले के स्पष्टीकरण की घोषणा की जाएगी.


नवादा एसडीओ अनु कुमार सस्पेंड
ऐसे ही वीआईपी ट्रीटमेंट के एक मामले में राज्य सरकार ने नवादा के एसडीओ को सस्पेंड कर दिया है. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक नवादा के एसडीओ अनु कुमार को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही काम में लापरवाही बरतने के लिए अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नवादा के डीएम को आदेश दिया गया है. बता दें कि नवादा जिले के हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह का ट्रेवेल पास जारी करने के आरोप में बड़ी कार्रवाई की गई है. नवादा सदर SDO अनु कुमार सस्पेंड हो गए हैं. बीजेपी विधायक का ट्रेवेल पास आवेदन को बिना जांच पड़ताल किये पास जारी करने के आरोप में निलंबित करने की कार्रवाई की गई है. कोरोना महामारी के दौरान कमा में बड़ी लापरवाही को देखते हुए एसडीओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. दरअसल कोरोना को लेकर घोषित लॉक डाउन में अत्यंत विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी वाहन के लिए अन्तर्राज्यीय पास निर्गत करने का नियम नहीं है.