INDvsPAK: "हमारे जवान घर वापस नहीं आते और हम क्रिकेट खेलने जाते हैं", एशिया कप पर बड़ी बात बोल गए हरभजन सिंह; मीडिया को भी लपेटा Bihar News: CBI की विशेष अदालत में सृजन घोटाले का ट्रायल शुरू, पूर्व DM वीरेन्द्र यादव पर आरोप तय Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत Bihar News: पटना में युवक की आत्महत्या से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका
1st Bihar Published by: Updated Mon, 31 Aug 2020 12:38:57 PM IST
- फ़ोटो
NEW DELHI: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण कोर्ट की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। 25 अगस्त को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज सुप्रीम कोर्ट पर सबकी निगाहें टिकी थी कि आखिर सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला सुनाता है। कोर्ट अवमानना मामले में प्रशांत भूषण को 1 रूपये का जुर्माना देने की सजा सुनायी है। जुर्माना नहीं देने पर उन्हें महीने की जेल होगी।
अदालत ने कहा कि यदि वह इसे 15 सितंबर तक जमा नहीं कराते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल और तीन साल तक प्रैक्टिस करने से रोक दिया जाएगा। यह फैसला न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनाया। इससे पहले अदालत ने 25 अगस्त को उनकी सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रशांत भूषण को सजा सुनाने के मुद्दे पर शीर्ष अदालत ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से राय मांगी थी। जिस पर वेणुगोपाल ने कहा था कि प्रशांत भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए।
बता दें कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक दो ट्वीट के लिए सर्वोच्च न्यायालय से माफी मांगने से इनकार कर दिया था। अदालत की अवमानना के जुर्म में अधिकतम छह महीने तक की कैद या दो हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों की सजा दी जा सकती है।