GAYA JEE: शव का दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों की बेरहमी से पिटाई, स्थानीय दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग शराबबंदी की साख पर सवाल: जदयू महासचिव राजेश रजक शादी में शराब पीते गिरफ्तार पीएम मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी की सैलरी कितनी है? 8वें वेतन आयोग से कितना होगा इजाफा? जानिये.. Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Railway News: अब टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, बिहार के 702 रेलवे स्टेशनों पर ATVM लगाने की तैयारी Bihar News: सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंच गए हाजीपुर, भागे-भागे पहुंचे अधिकार; फोर लेन पुल का किया निरीक्षण 10 रूपये की खातिर नोजल मैन की पिटाई करने वालों को पुलिस ने दबोचा, 25 हजार का ईनामी भी गिरफ्तार Bihar News: चिराग की रैली में दिव्यांग युवक से धक्का-मुक्की, ट्राईसाइकिल क्षतिग्रस्त; बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के नारे को बताया झूठा Bihar School News: बिहार के 40 हजार से अधिक स्कूलों में होने जा रहा यह बड़ा काम, नीतीश सरकार ने दे दी मंजूरी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 09 Jun 2023 10:27:23 AM IST
- फ़ोटो
DELHI : अनुकंपा पर नौकरी की चाहत रखने वाले लोगों के लिए यह काम की खबर है। अब उन्हें नौकरी तभी मिलेगी जब एक परीक्षा पास करेंगे। यानी अब बिना परीक्षा पास किए हुए अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने वाली है। आदेश सुप्रीम कोर्ट के तरफ से जारी किया गया है।
दरअसल,. सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है कि, अनुकंपा के आधार पर मिली नौकरी में शैक्षणिक और पेशेवर योग्यताओं को पूरा करना आवश्यक है। ऐसा नहीं कि योग्यताएं पूरी करने में विफल रहने पर उसे निचले ग्रेड में रख दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि अनुकंपा के आधार पर मिली नौकरी अधिकार नहीं है। इसके लिए योग्यताओं को पूरा करना जरूरी है।
बताया जा रहा है कि, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने एक मामले में फैसला देते हुए अनुंकपा के आधार पर मिली नौकरी से हटाए गए लोगों को राहत देने से मना कर दिया। कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा कि - अनुकंपा के आधार पर मिली नौकरी अधिकार नहीं है, इसके लिए शैक्षणिक और पेशेवर योग्यताओं को पूरा करना बेहद जरूरी है।
मालूम हो कि, रेहन को सांख्यिकी विभाग में चालक पिता की मृत्यु के बाद कनिष्ठ सहायक की नौकरी दी गई थी। उसे कहा गया था कि वह बेसिक कंप्यूटर और टाइपिंग की विभागीय परीक्षा दे और न्यूतनम अंक अर्जित करे। कंप्यूटर और टाइपिंग परीक्षा में वह फेल हो गया। इसके बाद उसे एक और मौका दिया गया और इस मौके पर भी वह टाइपिंग का टेस्ट पास नहीं कर पाया। इस पर सांख्यिकी अधिकारी ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
इस आदेश को उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि यदि वह कनिष्ठ सहायक पद के योग्य नहीं है तो उसे चतुर्थ श्रेणी में नौकरी दी जाए। यूपी सरकार ने इसके खिलाफ खंडपीठ में अपील की, लेकिन वह खारिज हो गई। इसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और कहा कि हाईकोर्ट का आदेश उचित नहीं है।