PATNA : विवादों से घिरे रहने वाले IAS के के पाठक के नए कारनामे को लेकर फर्स्ट बिहार झारखंड के खबर का बड़ा असर हुआ है. पटना सचिवालय थाना में फर्स्ट बिहार झारखंड की पहल के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पीड़ित ठेकेदार ने फर्स्ट बिहार झारखंड को धन्यवाद देते हुए कहा कि चैनल की टीम आने के बाद ही पुलिस ने उनकी बात सुनी और के के पाठक के खिलाफ मामला दर्ज हो सका.
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बता दें कि एक ठेकेदार आज केके पाठक पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए सचिवालय थाने में FIR दर्ज कराने के लिए आवेदन देने गया था लेकिन थाने में पुलिसवालों ने मामला दर्ज करने से साफ़ इंकार कर दिया था. उन्होंने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी थी लेकिन फिर भी पुलिस ने FIR दर्ज करने से इंकार कर दिया था. देर शाम तक ठेकेदार करीब 3 घंटे तक सचिवालय थाने में बैठे रहे लेकिन पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही थी. ठेकेदार के मुताबिक के के पाठक ने उन्हें आज अपने चैंबर में बुलाया. फिर गंदी गालियां देते हुए जमकर पीटा. इससे भी जी नहीं भरा तो बॉडीगार्ड का रिवॉल्वर निकाल कर तान दिया. ठेकेदार ने सचिवालय से भाग कर जैसे-तैसे अपनी जान बचायी थी.
क्या है पूरा मामला
आई ए एस के के पाठक फिलहाल लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव हैं. इसी विभाग में ठेकेदारी करने वाली कंपनी शकुंतला इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर कुमुद राज सिंह आज सचिवालय थाने में FIR कराने के लिए आवेदन लेकर पहुंचे हैं. कुमुद राज सिंह के आवेदन के मुताबिक आज विभाग के कार्यपालक अभियंता ने उन्हें फोन कर प्रधान सचिव के चैंबर में आने को कहा. इसके बाद वे अपनी कंपनी के दूसरे सहयोगियों के साथ प्रधान सचिव के के पाठक के कक्ष में पहुंचे.
ठेकेदार के मुताबिक के के पाठक ने उनसे पूछा कि नालंदा के रहुई में उनके द्वारा किया गया काम क्यों क्षतिग्रस्त हो गया है. ठेकेदार ने कहा कि भारी बारिश के कारण कुछ क्षति पहुंची है, जिसे वे ठीक करा देंगे. ठेकेदार के मुताबिक इतना सुनते ही के के पाठक आग बबूला हो उठे और गालियां देनी शुरू कर दी. प्रधान सचिव पाठक ने अपने बॉडीगार्ड का डंडा ले कर कुमुद राज सिंह की जमकर पिटाई की. फिर बॉडीगार्ड का ही रिवॉल्वर लेकर ठेकेदार के कनपटी पर सटा दिया. ठेकेदार के मुताबिक के के पाठक ने गोली मारने की धमकी दी. इसके बाद ठेकेदार जान बचा कर किसी तरह वहां से भागे. ठेकेदार कुमुद राज सिंह ने कहा है कि सचिवालय में लगे CCTV कैमरे में सारा वाकया कैद है, जिससे इस प्रकरण की छानबीन की जा सकती है.