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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 09 Apr 2023 10:43:00 AM IST
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DESK : देश की बड़ी दुग्ध सहकारी समितियों की लिस्ट में शामिल अमूल को बड़ा झटका लगा है। लोगों ने अमूल के प्रॉडक्ट का बॉयकॉट करना शुरू कर दिया है। इसको लेकर ट्विटर पर भी #GOBackAmul ट्रेंड कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस विवाद का मुख्य वजह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के तरफ से दिया गया बयान है।
दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक दौरे के दौरान कहा था कि दुग्ध सहकारी समितियों में शामिल अमूल कर्नाटक के हरेक गांव में डेयरी स्थापित करने की दिशा में काम करेंगे और जिस गांव में डेयरी नहीं होगी, वहां भी इसे स्थापित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को अमूल के साथ मिलकर काम करना चाहिए। जिसके बाद शाह का यह बयान कर्नाटक के राजनेताओं के साथ ही आम लोगों को भी नागवार गुजरा और इसी को लेकर अब विरोध शुरू कर दिया गया है।
मालूम हो कि, कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड मुख्य रूप से बिकते हैं। नंदिनी के दूध, दही, घी, मिठाई आदि सिर्फ कर्नाटक में उत्पादित दूध से बनते हैं और लाखों पशुपालक इससे जुड़े हैं। नंदिनी के उत्पादों को देश सबसे बेहतरीन दुग्ध उत्पादों में माना जाता है। ऐसे में कर्नाटक के लोगों ने अमूल को बाहरी बताकर और इसे कर्नाटक की अस्मिता से जोड़कर विरोध शुरू कर दिया।
जानकारी के अनुसार, अब इसको लेकर ट्विटर लोग पीएम मोदी को टैग करते लिख रहे हैं कि, उनकी डबल इंजन सरकार से सावधान रहें। वे कन्नडिगाओं की सभी संपत्तियों को बेच देंगे। हमारे बैंकों को नष्ट करने के बाद, अब वे नंदिनी केएमएफ हमारे किसानों द्वारा निर्मित एक ब्रांड को नष्ट करने के लिए दृढ़ हैं। गौरतलब है कि इसके पहले स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर का विलय एसबीआई में कर दिया गया जबकि स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर देश में सबसे पुरानी बैंकिंग सेक्टर रही है। ऐसे में अब लोगों को डर है कि वही हाल कर्नाटक के अपने विशेष पहचान वाले नंदिनी के साथ होगा।
आपको बताते चलें कि, दूध की लड़ाई में अमूल डेयरी को करारा झटका लगा है। बृहत बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन ने "राज्य के किसानों का समर्थन" करते हुए केवल नंदिनी दूध का ही उपयोग करने का फैसला किया है। सियासी जंग के बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जो 2013 से 2018 तक राज्य के सीएम रहे हैं, ने दावा किया कि गुजरात के डेयरी ब्रांड अमूल ने उनके शासनकाल में भी राज्य में एंट्री लेने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने उसे विफल कर दिया था लेकिन अब बीजेपी खुले हाथों से उसका स्वागत कर रही है।