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1st Bihar Published by: 4 Updated Thu, 04 Jul 2019 06:33:41 PM IST
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DESK: क्रिकेट की दुनिया में खिलाड़ियों के मिजाज को लेकर बहुत बात होती है. कोहली के आक्रमक अंदाज की चर्चा होती है. धोनी के शांत स्वभाव की बात होती है. गांगुली के आक्रमक मिजाज की बात होती है. चोट लगने के बाद माथे पर पट्टी बांधकर खेलने वाले जिद्दी खिलाड़ी कुंबले को भी लोग याद करते हैं. ऐसे में बुधवार को संन्यास लेने वाले रायडू के उस कहानी को लोग कैसे भूल सकते हैं जब रायडू पूरी की पूरी टीम को ही लेकर भाग गए थे. अंबाती रायडू जब 20 साल के थे तब हैदराबाद की रणजी टीम के खिलाड़ियों को अपने पाले में कर आईसीएल (इंडियन क्रिकेट लीग) से कांट्रैक्ट करा दिया था. यह वही आईसीएल है जो 2007 में टी-20 की कामयाबी के बाद क्रिकेट के एक नए लीग के रूप में आया. आईसीएल द्वारा बागी टी-20 लीग शुरू करने और अपने कई खिलाड़ियों को जाते देख बीसीसीआई हरकत में आई और उसने कड़े फरमान जारी किए. साथ ही बोर्ड ने सख्त हिदायत दी कि आईसीएल में जुड़ने वाले खिलाड़ियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे और भारी जुर्माना किया जाएगा. अंबाती रायडू का विवादों से गहरा नाता रहा है. यह बात 2007 की है, रायडू उस समय हैदराबाद की रणजी टीम के कप्तान थे और आईसीएल के साथ करार करने को राजी हो गए. सिर्फ राजी ही नहीं हुए बल्कि अपने साथ पूरी टीम को आईसीएल के साथ करार करने के लिए राजी कर लिया. इनके जाने से हैदराबाद की रणजी टीम में कोई रहा ही नहीं, आनन-फानन में निचले स्तर के खिलाड़ियों को शामिल कर नई टीम बनाई गई.