RANCHI: इस वक्त की बड़ी खबर झारखंड की सियासत से निकलकर सामने आ रही है, जहां चंपई सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। निजी सचिव के सहयोगी के घर से 36 करोड़ रुपए कैश बरामद होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले दिनों आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था।
दरअसल, मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के सहयोगी के घर से 36 करोड़ रुपए कैश बरामद होने के मामले में ईडी ने बुधवार 15 मई को कांग्रेस नेता और झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को अरेस्ट कर लिया था। गुरुवार को ईडी ने मंत्री को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 6 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया था।
ईडी ने बीते 6 मई को मंत्री के निजी सचिव संजीव कुमार लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम के ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान ईडी ने मंत्री के करीबियों के घर से 36 करोड़ रुपए कैश जब्त किए थे। इस मामले में ईडी ने मंत्री के निजी सचिव और उनके सहयोगी को अरेस्ट कर लिया था।मंत्री के करीबियों से पूछताछ के बाद ईडी ने 15 मई को आलमगीर आलम को भी गिरफ्तार कर लिया था।
कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद ईडी की टीम शुक्रवार से अगले 6 दिनों तक आलमगीर आलम से पूछताछ करने वाली थी लेकिन इसी बीच खबर आ रही है कि आलमगीर आलम ने अपना इस्तीफा राजभवन को भेज दिया है। आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के विधायक हैं और चंपई सोरेन सरकार में ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री का दायित्व संभाल रहे थे।
पिछले साल ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को ईडी ने टेंडर घोटाले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने दावा किया है कि वीरेंद्र राम टेंडर के आवंटन में कमीशन लेता था और कमीशन का हिस्सा मंत्री और अन्य नेताओं को पहुंचाता था। इसी मामले में ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया है। बता दें कि इससे पहले जमीन घोटाले में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी गिरफ्तारी के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।