PATNA: अफसरों की लापरवाही के कारण बिहार सरकार को नुकसान का सामना करना पड़ा है. समय पर दस्तावेज नहीं भेजने से बिहार को केंद्र से 383 करोड़ केंद्र रुपए नहीं मिले.
दरअसल इसकी जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने गुरुवार को राज्यसभा में दी. राज्यसभा में सुशील मोदी ने एक सवाल किया, जिसका जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि बिहार सरकार ने सूचित किया है कि उसने राज्य विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के शिक्षकों और समकक्ष संवर्गों के लिए वेतन संशोधन की योजना कार्यान्वित की है और 1.1.2016 से 31.03.2019 की अवधि के लिए योजना के कार्यान्वयन पर कुल अतिरिक्त व्यय 767 करोड़ हुए हैं. लेकिन उसने निर्धारित अवधि में संबंधित दस्तावेज नहीं भेजे.
इसलिए बिहार को अतिरिक्त खर्च की गई 383 करोड़ की राशि नहीं मिलेगी. उन्होंने बताया कि 7वां वेतन संशोधन योजना को कुछ शर्तों के तहत कार्यान्वित करने और योजना की समापन तिथि यानी 31 मार्च 2020 तक आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाली राज्य सरकारों को वेतन संशोधन के कार्यान्वन पर हुए अतिरिक्त व्यय के 50% की प्रतिपूर्ति की गई. लेकिन योजना की अंतिम तिथि 31.03.2020 तक या उससे पहले आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूरा प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण बिहार को केन्द्रीय हिस्सा नहीं जारी किया जा सका.