60 साल के जीजा संग फरार हुई 35 साल की साली, परेशान पति ने रख दिया 10 हजार का इनाम वैशाली में पारिवारिक रंजिश का खौफनाक अंजाम, चचेरे भाई ने युवक को मारी गोली कटिहार में करंट से 2 सगी बहनों की दर्दनाक मौत, 4 लोग झुलसे, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप एक्शन मोड में पटना पुलिस: चेन स्नैचिंग गैंग का पर्दाफाश, बॉस समेत 7 गिरफ्तार JEHANABAD: अलीनगर पाली इमामबाड़े में राज्यपाल ने की ज़ियारत, बोले..लीडर वही जो सिर देने की ताकत रखे Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में इंजीनियर से लूटपाट, विरोध करने पर अपराधियों ने मारी गोली Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में इंजीनियर से लूटपाट, विरोध करने पर अपराधियों ने मारी गोली बखोरापुर में ऐतिहासिक किसान सम्मान समारोह, अजय सिंह ने किसानों को दी सशक्त भविष्य की सौगात बेगूसराय में रिश्तों का कत्ल: साले ने कुदाल से काटकर की जीजा की निर्मम हत्या, इलाके में सनसनी Bihar Crime News: बिहार के वहसी पिता की शर्मनाक करतूत, सगी बेटी के साथ कई सालों से जबरन कर रहा था रेप; थाने पहुंचा मामला
1st Bihar Published by: Updated Fri, 05 Feb 2021 08:25:11 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: अफसरों की लापरवाही के कारण बिहार सरकार को नुकसान का सामना करना पड़ा है. समय पर दस्तावेज नहीं भेजने से बिहार को केंद्र से 383 करोड़ केंद्र रुपए नहीं मिले.
दरअसल इसकी जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने गुरुवार को राज्यसभा में दी. राज्यसभा में सुशील मोदी ने एक सवाल किया, जिसका जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि बिहार सरकार ने सूचित किया है कि उसने राज्य विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के शिक्षकों और समकक्ष संवर्गों के लिए वेतन संशोधन की योजना कार्यान्वित की है और 1.1.2016 से 31.03.2019 की अवधि के लिए योजना के कार्यान्वयन पर कुल अतिरिक्त व्यय 767 करोड़ हुए हैं. लेकिन उसने निर्धारित अवधि में संबंधित दस्तावेज नहीं भेजे.
इसलिए बिहार को अतिरिक्त खर्च की गई 383 करोड़ की राशि नहीं मिलेगी. उन्होंने बताया कि 7वां वेतन संशोधन योजना को कुछ शर्तों के तहत कार्यान्वित करने और योजना की समापन तिथि यानी 31 मार्च 2020 तक आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाली राज्य सरकारों को वेतन संशोधन के कार्यान्वन पर हुए अतिरिक्त व्यय के 50% की प्रतिपूर्ति की गई. लेकिन योजना की अंतिम तिथि 31.03.2020 तक या उससे पहले आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूरा प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण बिहार को केन्द्रीय हिस्सा नहीं जारी किया जा सका.