GIRIDIH: आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज ने 557 दिनों के बाद अपना मौन व्रत तोड़ा. मौन व्रत तोड़ने के साथ ही उनके मुख से निकला ' नमः श्री ॐ'. इसके ब आचार्य श्री ने कुछ देर तक ॐ का मंत्रोच्चार किया औ कहा कि जब आत्मा मरती ही नहीं, तो डर किस बात का.
आचार्य 557 दिनों से पारसनाथ पर्वत की सर्वोच्च चोट स्थित एक गुफा में तपस्या में लीन थे. इस दौरान उन्होंने 61 दिनों की लघु पारणा करते हुए 496 दिनों तक निर्जला उपवास भी रखा और पर्वत पर ही एकांतवास में रहे. आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज 557 दिनों के बाद आज पारसनाथ पर्वत से नीचे मधुबन पहुंचे उनके स्वागत की तैयारी की गई.
जगह-जगह विभिन्न संगठनों के द्वारा उनका स्वागत किया गया.इस कार्यक्रम में शामिल होने बाबा रामदेव भी मधुबन पहुचे जहां पर बाबा रामदेव का भव्य स्वागत हुआ.