JHARKHAND: मुंबई में रहकर मजदूरी कर रहा एक शख्स अपने परिवार के साथ दीवाली मनाने के लिए मुंबई से गिरिडीह के लिए निकला था लेकिन उसे या उसके परिवार को भी यह नहीं मालूम था कि वो कभी घर नहीं लौट पाएगा। दरअसल प्रयागराज में ट्रेन से गिरकर उसकी दर्दनाक मौत हो गयी। जीआरपी के दो जवानों पर ट्रेन से फेंकने का आरोप है। जिसके बाद जीआरपी के दोनों जवानों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना पर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने दुख जताया है। वे जल्द ही मृतक के परिजनों से मिलेंगे। इस बात की जानकारी उन्होंने मीडिया को दी।
मृतक की पहचान गिरिडीह के गांवा थाना इलाका अंतर्गत आरागारो गांव निवासी अरुण भुईयां के रूप में हुई है। जो मुंबई में मजदूरी करते थे। दो साल तक कोरोना की मार झेलने के बाद अरूण भुईयां ने इस बार दिवाली और छठ परिवार के सदस्यों के साथ मनाने का मन बनाया और मुंबई से झारखंड के लिए निकल गया। मुंबई मेल सामने आता देख वो ट्रेन में चढ़ गया लेकिन जल्दबाजी में उसने टिकट तक नहीं ली। ट्रेन में सवार होने के बाद टीटीई से टिकट अपना बनवाया और जनरल बोगी में जाकर बैठ गया।
ट्रेन जब छिवकी स्टेशन पहुंची तब जीआरपी का दो जवान कृष्ण कुमार सिंह और आलोक कुमार अरुण से पैसे मांगने लगा। पैसे देने से इनकार करने पर जीआरपी जवानों ने उसे चलती ट्रेन से धकेल दिया जिससे अरुण की दर्दनाक मौत हो गयी। अरुण की मौत की खबर सुनकर परिजनों के बीच कोहराम मच गया। पत्नी और तीनों बच्चों का हाल बेहाल है। इस घटना से पूरा परिवार गहरे सदमे में है।
इस घटना पर झारखंड के बीजेपी नेता बाबू लाल मरांडी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे जल्द मृतक के परिजनों से मिलेंगे। वहीं भाकपा माले नेता राजकुमार यादव ने जीआरपी जवानों की इस करतूत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने दोनों जवानों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है साथ ही मृतक के आश्रितों को एक करोड़ मुआवजा और नौकरी देने की मांग दोहराई।