DESK: रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किए जाने का मामला सामने आया है। हटिया-राउरकेला रेलखंड के बालश्रृंग-लोधमा के बीच रेलवे ट्रैक पर चल रहे काम की वजह से ट्रेन की स्पीड 20 किमी तय की गयी थी लेकिन ट्रेन के पायलट ने इसे नजरअंदाज कर दिया और स्पीड लिमिट को ताक पर रखकर हटिया से यशवंतपुर जा रही ट्रेन को 100 KM की स्पीड से दौड़ा दी।
इसके साथ ही तपस्विनी एक्सप्रेस को भी 100 की स्पीड से दौड़ाया गया। रेलवे की ऑपेरटिंग डिपार्टमेंट की तरफ से हुई इस लापरवाही के बावजूद एक बड़ा हादसा होने से बच गया। रांची रेल डिवीजन के DRM प्रदीप गुप्ता ने दोनों ट्रेन के लोको पायलट को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
लोको पायलट को इस बात की जानकारी दी गयी थी कि जिस रूट पर वे ट्रेन को ले जा रहे हैं वहां ट्रैक पर काम चल रहा है जिसे लेकर ट्रेन की स्पीड को लिमिट किया गया है। यहां ट्रेन 20 किमी प्रति घंटे तय की गयी है। इस बात की जानकारी दिए जाने के बाद लोको पायलट ने इस नजरअंदाज कर दिया और ट्रेन की स्पीड को बढ़ा दिया। 100किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन को चलाया गया।
गौरतलब है कि हाल ही में हटिया-राउरकेला मार्ग पर दो मालगाड़ी की टक्कर हो गयी थी। इस तरह की घटना पहली बार हुई थी जिसके बाद इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करायी गयी जिसमें लोको पायलट और स्टेशन मास्टर पर कार्रवाई की गयी थी। इनकी गलती की वजह से दो ट्रेन एक ही ट्रैक पर आ गया था जिसकी वजह से दोनों ट्रेन की सीधी टक्कर हो गयी थी।
इस हादसे की वजह से दो दिनों तक ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया था। अब एक बार फिर से लोको पायलट की लापरवाही सामने आई है। रेलवे अधिकारियों की डीआरएम ने जमकर फटकार लगाई और दोषियों पर कार्रवाई का आदेश दिया। जिसके बाद दोनों लोको पायलट को निलंबित कर दिया गया है और इसकी जांच के आदेश दिए गये हैं। हालांकि लोको पायलट ने बताया कि भूलवश ऐसा हुआ है।