ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Budget Session 2025: महुआ बाग और जेपी गंगा पथ खूब जाते हैं लालू, लेकिन मरीन ड्राइव पर नहीं ले पाये जमीन: नीरज कुमार Bihar Transfer Posting: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 6 अधिकारियों का किया ट्रांसफर, दी यह जिम्मेदारी,जानें... Bihar news: बैंक अकाउंट से आधार लिंक नहीं कराया तो जल्द करा लें, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान Bihar Crime News : अपराध पर अंकुश लगाने को लेकर पुलिस का बड़ा कदम, बदमाशों की अब खैर नहीं Bihar news: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार को एक और बड़ी सौगात, इस जिले में बनेगा ग्रीनफील्ड बाईपास सरकार बनी तो लागू करेंगे 100% डोमिसाइल नीति..तेजस्वी बोले-परीक्षा फीस भी माफ करेंगे सरकार बनी तो लागू करेंगे 100% डोमिसाइल नीति..तेजस्वी बोले-परीक्षा फीस भी माफ करेंगे Bihar politics:क्या कांग्रेस पार्टी बिहार में खोयी हई साख बचा पाने में सफल होगी ? New Income tax Bill :नए इनकम टैक्स बिल में क्या है नया नियम...अब सोशल मीडिया तक अधिकारियों की होगी पहुंच GANJA CANDY: गांजा और भांग से बनी कैंडी बरामद, छात्रों को निशाना बनाने में लगे ड्रग माफिया

Success Story: जुनून हो तो ऐसा! दिव्यांग बच्चों के बोलने, देखने और सुनने के लिए अनंत ने बनाया 'द स्पेशल स्कूल' ऐप, खुद भी जटिल बीमारी से हैं ग्रसित

Success Story: खुद दिव्यांग रहते हुए अन्य दिव्यांगों की राह आसान बनाने के लिए अनंत ने बेहतरीन कोशिश की है। दिव्यांग अनंत वैश्य ने स्पेशल स्कूल एप तैयार किया है। जिससे दिव्यांग बच्चे एनसीईआरटी की पूरी पढ़ाई अब घर बैठे ही कर सकेंगे।

 Success Story

06-Mar-2025 02:10 PM

By KHUSHBOO GUPTA

Success Story: कहते हैं मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति हो तो शारीरिक अक्षमता भी आड़े नहीं आती है। अपनी मेहनत के बल पर कानपुर के रहने वाले दिव्यांग अनंत वैश्य ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। कानपुर के 22 साल के अनंत वैश्य ने एक ऐसा ऐप बनाया है जो दिव्यांग को शिक्षित करता है, उन्हें पढ़ाता है। अनंत खुद एक जटिल बीमारी से ग्रसित हैं।


अनंत ने शारीरिक कमजोर होने के चलते ऐसे ऐप को तैयार किया है जो उन बच्चों और लोगों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है जिसमें सुनने, देखने और बोलने के साथ हाथ पैर से दिव्यांग कहा जाता है। इस ऐप से तमाम लोग शिक्षित हो रहे हैं और अपने भविष्य की राह को आसान बना रहे हैं। पूरी दुनिया में शायद ही आपने ऐसे अनोखे ऐप के बारे में सुना होगा, जो कानपुर के अनंत ने बनाया है, जो किसी भी तरह के दिव्यांग को शिक्षित करने में बड़ा कारगर साबित हो रहा है।


अनंत वैश्य आर्थो ग्रायफोसेस मल्टीप्लेक्स कन्जनाइटा नामक बीमारी से खुद ग्रसित हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कई अवॉर्ड जीते और अपने इनोवेशन से देश दुनिया का नाम रौशन किया। अनंत ने द स्पेशल स्कूल नाम से एक एप्लिकेशन तैयार की है जिसे प्ले स्टोर पर इंस्टॉल करने के बाद बिना किसी सहारे के कोई भी दिव्यांग फिर चाहे वो किसी भी श्रेणी का हो पढ़ाई कर सकता है। अगर किसी को दिखाई नहीं देता तो इस ऐप को एक बार मोबाइल में इंस्टॉल करने के बाद वो इससे पढ़ सकता है। हर विषय की जानकारी इस एप्लिकेशन में लोड है और मोबाइल को बस आपको इतना बोलना होगा की आपको कौन सा विषय और किस क्लास का पढ़ना है। बस आपकी जुबान के कमांड को लेकर मोबाइल ऐप चलने लगा जाएगी और स्पीकर पर आपको पढ़ाने लगेगी।

 


जिन्हें सुनाई नहीं देता उन दिव्यांगों को मोबाइल ऐप आकृति, चिन्ह और लिखे हुए शब्दों में पढ़ाता है। ये ऐप क्लास वन से 5वीं तक की पढ़ाई एनसीईआरटी के सिलेबस के अनुसार कराने में सक्षम है। इस ऐप से तकरीबन 400 बच्चे आज भी पढ़ाई कर रहे हैं। कानपुर के तीन स्कूल जो शारीरिक असक्षम बच्चों के हैं, वहां इस ऐप का प्रयोग किया जाता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस ऐप को प्रमाणित भी किया और इसके विस्तार के लिए अनंत को फंडिंग भी की साथ ही इंडियन इनोवेशन डिपार्टमेंट की ओर से भी अनंत को सराहा गया।